सेवानिवृत्ति के बाद भी समाज के लिए संकल्पित होते हैं शिक्षक ..

कहा कि शिक्षक को अपने जीवन के हर मोड़ पर शिक्षण देने की जरूरत है, विद्यालय की चहारदीवारी के भीतर की शिक्षा की एक सीमा है लेकिन विद्यालय के बाहर तो शिक्षक की हर समय जरूरत है. 





- बलिहार उच्च विद्यालय में सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक के सम्मान समारोह का हुआ आयोजन
- वक्ताओं ने शिक्षकों के महत्व पर डाला प्रकाश
                      
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: शिक्षक जीवन भर शिक्षा की अलख जगाए रखता है, वह कभी सेवानिवृत्त नहीं होता है. कुछ इसी तरह की बात ए.एस.एम. उच्च विद्यालय, बलिहार के प्राचार्य उमेश कुमार सिंह ने गुरुवार को पूर्व प्राचार्य कलिंद्र नाथ सिंह के सेवानिवृति के अवसर पर आयोजित सम्मान समारोह में कही. गुरुवार को विद्यालय के एक अन्य कर्मचारी रामायण उपाध्याय भी सेवानिवृत्त हो गए है. इस अवसर पर प्राचार्य उमेश कुमार सिंह ने कहा कि जो समाज शिक्षक का महत्व नहीं समझता उसका भगवान ही मालिक है. उन्होंने ने कहा कि समाज का विकास शिक्षा और खासकर नारी शिक्षा के साथ ही होता है आज समाज को और शिक्षित और युवाओं को प्रशिक्षित करने की जरूरत है. 




पूर्व प्राचार्य कलिंद्र नाथ सिंह ने कहा कि शिक्षक को अपने जीवन के हर मोड़ पर शिक्षण देने की जरूरत है, विद्यालय की चहारदीवारी के भीतर की शिक्षा की एक सीमा है लेकिन विद्यालय के बाहर तो शिक्षक की हर समय जरूरत है. समारोह में मुख्य अतिथि के रूप मे सेवानिवृत्त शिक्षक श्याम बिहारी चौधरी ने कहा कि शिक्षा समाज की चहुमुंखी विकास की पहली सीढ़ी है, उन्होंने अभिभावकों से विद्यालयीय शिक्षा के साथ साथ समाज मे नैतिक शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालने का आह्वान किया. बलिहार स्थित उच्च विद्यालय के शिक्षकों ने सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं कर्मचारी को पुष्प गुच्छ, शाल व वस्त्र के साथ रामायण की एक प्रति देकर सम्मानित किया. इस अवसर पर पूर्व शिक्षक परमात्मा नन्द सिंह,रजनीश श्रीवास्तव, अशोक सिंह, अभय कुमार चौबे मो जनता,संजय कुमार अंजनी पाठक त्रिपति नाथ सिंह, मंजू कुमारी अमित कुमार, संतोष दूबे, कृष्णदेव राय, आशुतोष ओझा आदि उपस्थित थे.











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