बालगृह के बच्चों की तस्वीर वेबसाइट पर डालने वाली संस्था का नया पैंतरा, कार्य मुक्ति का किया अनुरोध ..

संस्था के संचालक को पत्र लिख कर यह निर्देश दिया गया था कि वह स्पष्टीकरण दें लेकिन, संस्था स्पष्टीकरण जमा करने में विफल रही, जिसके बाद संस्था के विरुद्ध 1 लाख 1 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया तथा उसे 15 दिन के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया था लेकिन, संस्था ने जुर्माने की राशि अदा करने से पूर्व ही बालगृह के संचालन के दायित्व से मुक्ति के संदर्भ में अनुरोध पत्र भेजा है.







- वेबसाइट पर बालगृह के बच्चों की तस्वीर डालकर डोनेशन की कर रही थी अपील
- मामले में बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक समेत समिति को भी भेजा पत्र

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: बालगृह के बच्चों की तस्वीर अपने वेबसाइट पर डालकर डोनेशन की अपील करने वाली संस्था "शक्तिवर्धनी" ने बाल कल्याण समिति के द्वारा जुर्माना लगाए जाने के बाद अब एक नया पैंतरा लिया है. उसने बाल कल्याण समिति समेत बाल संरक्षण इकाई को पत्र भेजकर यह बताया है कि, वह अब बाल बालगृह के संचालन में असक्षम है. उसे दायित्व से मुक्त किया जाए.




इस संदर्भ में जानकारी देते हुए बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक राजकुमार सिंह ने बताया कि, बालगृह की संचालिका संस्था "शक्तिवर्धनी" के द्वारा गैरकानूनी तरीके से बालगृह के बच्चों की तस्वीर को अपनी वेबसाइट पर डालकर डोनेशन की अपील की जा रही थी. इस बात को लेकर जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष मदन सिंह की अध्यक्षता में सदस्य डॉ. शशांक शेखर, नवीन कुमार पाठक और योगिता सिंह ने एक बैठक की थी, जिसके बाद संस्था के संचालक को पत्र लिख कर यह निर्देश दिया गया था कि वह स्पष्टीकरण दें लेकिन, संस्था स्पष्टीकरण जमा करने में विफल रही, जिसके बाद संस्था के विरुद्ध 1 लाख 1 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया तथा उसे 15 दिन के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया था लेकिन, संस्था ने जुर्माने की राशि अदा करने से पूर्व ही बालगृह के संचालन के दायित्व से मुक्ति के संदर्भ में अनुरोध पत्र भेजा है.

उन्होंने कहा कि बाल गृह के बच्चों की तस्वीर वेबसाइट पर डालना बेहद गंभीर मामला है. इस मामले में संस्था को जुर्माना अदा करना ही होगा. ऐसा नहीं करने पर विभाग को इसकी जानकारी दी जाएगी और विभागीय निर्देश के आलोक में संस्था के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके पूर्व भी सीडब्ल्यूसी के द्वारा बाल गृह के निरीक्षण के दौरान कई प्रकार की खामियां पाई गई थी जिसे दुरुस्त करने का निर्देश संस्था को दिया गया था लेकिन संस्था के तरफ से इस पर भी कोई पहल नहीं की गई.

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