महंगाई ने किया लाचार तो सिलेंडर छोड़ लकड़ी पर लौटे गरीब ..

पिछले 2 दिसंबर से लेकर अब तक रसोई गैस की कीमतों में तकरीबन 200 रुपये तक का इजाफा हो जाने के बाद अब इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है. सामान्य ग्राहकों के साथ-साथ उज्जवला गैस के ग्राहकों ने गैस की खपत कम कर दी है. गैस की खपत कम करने का यह मतलब कतई नहीं कि वह खाना नहीं बना रहे बल्कि, उन्होंने रसोई गैस के जगह ईंधन के पारंपरिक साधनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है.




- तीन माह में 200 रुपये महंगी हुई रसोई गैस सिलिंडर 
- सामान्य ग्राहकों के साथ उज्वला गैस ग्राहकों ने भी कम किया उठाव

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:  पिछले 2 दिसंबर से लेकर अब तक रसोई गैस की कीमतों में तकरीबन 200 रुपये तक का इजाफा हो जाने के बाद अब इसका सीधा असर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है. सामान्य ग्राहकों के साथ-साथ उज्जवला गैस के ग्राहकों ने गैस की खपत कम कर दी है. गैस की खपत कम करने का यह मतलब कतई नहीं कि वह खाना नहीं बना रहे बल्कि, उन्होंने रसोई गैस के जगह ईंधन के पारंपरिक साधनों का उपयोग करना शुरू कर दिया है. ऐसे में सरकार की पर्यावरण संरक्षण की महत्वकांक्षी योजना पर ग्रहण लगता दिखाई दे रहा है.

पिछले दो महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो तकरीबन 50 फीसद से ज्यादा उज्वला रसोई गैस के ग्राहकों ने अपने गैस सिलेंडर नहीं भरवाए. ऐसे में में निश्चित रूप से वह इंधन के पारंपरिक साधनों पर निर्भर हुए हैं. माना जा रहा है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है लकड़ी और गोयठा की उपलब्धता भी बढ़ रही है. ऐसे में लोगों के लिए वह एक सस्ता विकल्प है फिर चाहे पर्यावरण पर इसका कुछ भी प्रभाव पड़े.


महंगाई ने तोड़ी कमर तो लकड़ी गोयठा बने सहारा:

राजपुर थाना क्षेत्र के रसेन गांव के रहने वाले काशीनाथ यादव बताते हैं कि उन्होंने उज्जवला गैस का कनेक्शन लिया था इच्छा थी कि, अब गोयठा तथा लकड़ी आदि का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा लेकिन, गैस सिलेंडर की लगातार बढ़ रही कीमतों के कारण कई महीनों से गैस सिलेंडर नहीं भरा गया है. घर की महिलाएं पुनः लकड़ी और गोयठे सहारे ही खाना बना रही हैं. इटाढ़ी प्रखंड के उनवास गाँव के रहने वाले मनोज राजभर बताते हैं कि, लॉकडाउन में जहां सरकार ने उज्जवला गैस के द्वारा उनकी काफी मदद की थी वहीं, अब लगातार बढ़ती महंगाई से उनकी हिम्मत जवाब दे रही है. ऐसे में वह केवल मेहमानों के चाय आदि बनाने के लिए ही रसोई गैस का इस्तेमाल कर रहे हैं. भोजन बनाने के लिए लकड़ी गोयठा ही सहारा है.



गैस एजेंसी संचालकों ने स्वीकार की ग्राहकों की कमी:

धनसोई में राधा रमण इंडेन गैस एजेंसी चलाने वाले कमलाकर ओझा बताते हैं कि निश्चित रूप से महंगाई ने गैस उपभोक्ताओं खासकर को उज्ज्वला रसोई गैस के ग्राहकों पर प्रभाव डाला है. उन्होंने कहा कि गैस ग्रामीण उपभोक्ताओं की संख्या में कमी आयी है.

जिला मुख्यालय में योगेंद्र नाथ इंडेन गैस एजेंसी चलाने वाले मृत्युंजय कुमार बताते हैं कि शहरी ग्राहकों से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र के ग्राहकों पर प्रभाव पड़ा है क्योंकि उनके पास पारंपरिक इंधन का विकल्प भी मौजूद है ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र में गैस का उठाओ कम हो रहा है. पिछले एक माह में तीन बार जबकि पिछले वर्ष 2 दिसंबर से चार बार गैस की कीमतें बढ़ी हैं.


गैस की लगातार बढ़ रही कीमतों पर एक नज़र:

तारीख                       कीमत

01 दिसम्बर 2020   -   693.50

02 दिसम्बर 2020   -   793.50

03 फरवरी 2021    -   818.50

15 फरवरी 2021    -   868.50

25 फरवरी 2021    -  893.50









Post a Comment

0 Comments