कोरोना काल में भी कुर्सी बचाने की राजनीतिक जुगत पर व्यंग्यात्मक प्रहार ..

कहा कि, साहित्य सृजन से समाज और राजनीति दोनों प्रभावित होते हैैं. राजनीति यदि साहित्य के बग़ैर होता है तो उसका आवारापन देखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति राजनीति नहीं कर सकता यदि वह साहित्य का अध्येता न हो. आज मुंशी प्रेमचंद के साहित्य को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. साहित्य पर खतरा अभी मंडरा रहा है. 

 







- व्यंग्यात्मक काव्य रचना कोरोना और कुर्सी का हुआ विमोचन
- डुमरांव विधायक अजीत कुमार सिंह ने किया विमोचन

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: प्रगतिशील लेखक संघ की तरफ से डुमरांव के क्वार्क एकेडमी के प्रांगण में एक पुस्तक विमोचन समारोह का आयोजन किया गया.
स्थानीय कवयित्री एवं शिक्षिका मीरा सिंह 'मीरा'
द्वारा रचित व्यंग्य पुस्तिका 'कोरोना और कुर्सी'
का विमोचन स्थानीय विधायक अजीत सिंह ने किया. कोरोना काउंट में भी अपनी कुर्सी बचाने की राजनेताओं की जुगत को लेकर इस काव्य रचना को जनता के समक्ष रखा गया है.




इस दौरान अपने उद्बोधन में विधायक ने कहा कि, साहित्य सृजन से समाज और राजनीति दोनों प्रभावित होते हैैं. राजनीति यदि साहित्य के बग़ैर होता है तो उसका आवारापन देखा जा सकता है. उन्होंने बताया कि कोई व्यक्ति राजनीति नहीं कर सकता यदि वह साहित्य का अध्येता न हो. आज मुंशी प्रेमचंद के साहित्य को समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है. साहित्य पर खतरा अभी मंडरा रहा है. अतः अभी से हमें चेतनशील होकर साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों में भागीदारी बढ़ानी होगी.

समारोह की अध्यक्षता सेवानिवृत् प्राध्यापिका पुष्पा कुमारी ने की. प्रलेस के राज्य कार्यकारिणी सदस्य एवं प्रसिद्ध ग़ज़लगो कुमार नयन  ने समारोह का संचालन करते हुए कहा कि मीरा सिंह 'मीरा' की यह तीसरी पुस्तक है. व्यंग्य आधारित प्रस्तुत संकलन इनसे उम्मीद जगाता है कि भविष्य में ये चर्चित लेखिका बन  सकती हैं.



गज़लगो ने बताया कि पुस्तक प्रकाशन में प्रकाशकों का भी सराहनीय योगदान रहा है. बंगाल में आज भी साहित्य के पाठक सर्वाधिक मिलेंगे. उहोंने बताया कि बिना इतिहास बोध के साहित्य नहीं लिखा जा सकता. जिस प्रकार इतिहास और साहित्य किसी एक देश के नहीं हो सकते, उसी तरह राजनीतिक समझ को भी विकसित करने की आवश्यकता है. साहित्य केवल समाज का आइना ही नहीं वरन मार्गदर्शक भी है. समारोह में प्रदीप शरण 'प्रदीप', शैलेन्द्र ओझा, रामजी सिंह 'शेरेदिल', दशरथ प्रसाद विद्यार्थी, चर्चित कवि पवन नंदन 'पवन', मुक्तेश्वर प्रसाद, संजय सिंह, अमित कुमार,संजय सिंह, लालधारी सिंह, विरेन्द्र कुमार सिंह,अनिल प्रताप सिंह, शिक्षिका आरती केसरी, अनीता यादव, सुनीता कुमारी, महेश यादव, सेवानिवृत्त डी एस पी लालधारी प्रसाद,नीरज कुमार, भीम सिंह, संतोष कुमार शर्मा, हर्षित पाठक,एकराम सिंह, शशिभूषण आदि कई लोग उपस्थित थे. समारोह का समापन प्रलेस के जिलाध्यक्ष डॉ. बी एल प्रवीण ने किया.







Post a Comment

0 Comments