होलिका दहन के साथ दुर्गुणों को भस्म करने का लिया संकल्प ..

होली की पूर्व संध्या पर होलिका दहन का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया गया. नगर के अंबेडकर चौक, महाराजा पेट्रोल पंप समेत विभिन्न जगहों पर होलिका दहन कार्यक्रम के दौरान लोगों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर होलिका दहन किया.




- अलग-अलग जगहों पर आयोजित हुआ होलिका दहन कार्यक्रम
- विधिवत पूजा अर्चना करने के पश्चात संपन्न हुआ होलिका दहन का कार्यक्रम

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: होली की पूर्व संध्या पर होलिका दहन का आयोजन विभिन्न स्थानों पर किया गया. नगर के अंबेडकर चौक, महाराजा पेट्रोल पंप समेत विभिन्न जगहों पर होलिका दहन कार्यक्रम के दौरान लोगों ने विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर होलिका दहन किया. बताया जा रहा है कि रात्रि 8:29 से 10:26 तक वृष लग्न में होलिका दहन किए जाने को सर्वोत्तम माना गया था. इसके अतिरिक्त रात्रि 12:40 तक का काल मध्यम काल माना गया था. लोगों ने होलिका दहन के साथ दुर्गुणों को भस्म करने का संकल्प लिया साथ ही साथ कोरोना वायरस के खात्मे की भी ईश्वर से कामना की.





बता दें कि, पौराणिक मान्यता अनुसार दैत्यराज हिरण्यकश्यप के पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे. दैत्यराज उसकी हत्या करना चाहते थे. कई उपाय करने के बाद भी जब वह अपने योजना में सफल नहीं हो सके तो अंत में उन्होंने अपनी बहन होलिका से उसकी हत्या करने की बात कही. दरअसल होलिका के पास ब्रह्मा जी के वरदान से मिली एक चादर थी जिसे ओढ़ने के बाद अग्नि उसका कुछ नहीं कर सकती थी ऐसे में वह प्रह्लाद को लेकर अग्नि में बैठ गई. इसी बीच पवन देव ने होलिका की चादर को उड़ा दिया और वह चादर प्रह्लाद के ऊपर चली गई. इस प्रकार होलिका अग्नि में जलकर भस्म हो गई. उसी समय से होलिका दहन की परंपरा पर हो गई है.











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