प्रशासनिक विफलता के कारण नही लग पायेगा सैकड़ों साल पुराना मेला ..

मजे की बात तो यह है कि इस अधूरे कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 26 अक्टूबर 19 को एवं उद्घाटन 10 अगस्त 20 को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा किया गया. ऐसे में जहाँ स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है वहीं वह इस लापरवाही को लेकर आश्चर्यचकित भी हैं.




- निर्माण कार्य पूरा हुए बगैर किया पोखरे का उद्घाटन, अब खड़ी हुई समस्या
- ग्रामीणों ने की जिला पदाधिकारी से निरीक्षण की अपील

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: नगर के चारों कोने के महत्वपूर्ण मंदिरों में शामिल महरौरा शिव मंदिर जहां फाल्गुनी शिवरात्रि के दिन सैकड़ों वर्षों से विशाल मेला लगाए जाने की परंपरा थी वहां जल जीवन हरियाली के कार्य को अधूरा छोड़कर चले जाने के कारण किनारे पर मिट्टी का पहाड़ खड़ा हो गया है. मजे की बात तो यह है कि इस अधूरे कार्य का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 26 अक्टूबर 19 को एवं उद्घाटन 10 अगस्त 20 को वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग द्वारा किया गया. ऐसे में जहाँ स्थानीय ग्रामीणों में आक्रोश पनप रहा है वहीं वह इस लापरवाही को लेकर आश्चर्यचकित भी हैं.


बोर्ड पर नहीं है कार्य शुरु होने व खत्म होने का समय:

निर्माण स्थल पर लगे बोर्ड के अनुसार इसकी प्राक्कलित राशि 15 लाख 88 हज़ार 702 रुपये थी हालांकि, बोर्ड पर ठीकेदार ने भी कार्य प्रारंभ और समाप्ति की  तारीख खाली रखी इतना ही नहीं लघु सिंचाई प्रमडंल के अभियंता ने भी इस पर आखें बंद कर ली. नतीजा यह हुआ कि कार्य अधूरा ही छोड़ दिया गया है.

जनता ने बताया धोखा, डीएम से की निरीक्षण की मांग:

मंदिर के पुजारी एवं स्थानीय जनता ने बताया कि पोखरा की मिट्टी अंदर से नही काट किनारे की मिट्टी काट कर छोड दिया गया.बगैर काम पूरा किए मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी को धोखा दिया गया. स्थानीय नागरिकों ने डीएम से यह मांग की है कि वह शिवरात्रि के पहले स्वयं स्थल निरीक्षण करें ताकि मिट्टी के पहाड़ को समतल कर मेला लग सके तथा सरकार व स्थानीय प्रशासन की इज्जत बच सके.














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