सवा करोड़ रुपये खर्च कर पांडेय पट्टी के निवासियों को जलजमाव से मुक्ति दिलाएगी रेलवे ..

नए प्रस्ताव के मुताबिक रेलवे लाइन के किनारे होते हुए ठोरा नदी तक एक पक्की नाली बनाना प्रस्तावित है. यह नाली 4 से 5 फीट गहरी तथा लगभग 3 फीट चौड़ी होगी. नाली को बनाने के बाद इसे स्लैब बनाकर ढका भी जाएगा वहीं, एफसीआई गोदाम के पास बने मोहल्ले की जल निकासी भी इसी नाली के माध्यम से होगी. 

 




- दिलाई गयी तात्कालिक राहत, अब होगा पूर्ण समाधान
- पूर्व में बनाई गई नाली साबित हुई अव्यावहारिक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पांडेय पट्टी को जलजमाव से मुक्ति दिलाने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता सह सरपंच प्रतिनिधि संजय तिवारी के द्वारा पटना उच्च न्यायालय में परिवाद दर्ज कराने के पश्चात न्यायालय के आदेश अनुसार रेलवे ने तात्कालिक रूप से जल निकासी की व्यवस्था तो कर दी है लेकिन, अब स्थाई समाधान के लिए 1 करोड़ 25 लाख रुपये की लागत से 1.2 किलोमीटर लंबे नाले का निर्माण कराया जा रहा है, इसके लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है जिसकी स्वीकृति के पश्चात निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इस नाले के बन जाने से पूरे पांडेय पट्टी ग्रामवासियों को बरसात के दिनों में भयंकर जलजमाव से निजात मिलेगी.



दरअसल, कई वर्षों से सदर प्रखंड के पांडेय पट्टी गांव में नाली के पानी का निकास नहीं होने से ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है नालियों का पानी घर के किनारे बने खाली स्थान में जमा होकर सड़ांध पैदा कर रहा है वही गंदे जल में मच्छरों तथा अन्य लोगों के कीटाणुओं के पनपने का खतरा बना रह रहा है. इन परेशानियों के मद्देनजर स्थानीय सरपंच प्रतिनिधि संजय तिवारी के द्वारा पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई थी, जिसके आलोक में न्यायालय ने रेलवे के जीएम तथा डीआरएम को दो महीने के अंदर जल निकासी की व्यवस्था का आदेश दिया था. इस आदेश के आलोक में रेलवे के अधिकारियों के द्वारा तुरंत ही जल निकासी का प्रबंध शुरू कर दिया गया. सीनियर सेक्शन इंजीनियर के. बी. तिवारी समेत रेल कर्मियों की एक टीम पांडेय पट्टी गांव में पहुंची तथा जेसीबी के माध्यम से सड़क को काट कर जल निकासी के लिए तात्कालिक व्यवस्था कर दी.




रेलवे लाइन के किनारे से ठोरा नदी में जा कर गिरेगा नाली का पानी:

नए प्रस्ताव के मुताबिक रेलवे लाइन के किनारे होते हुए ठोरा नदी तक एक पक्की नाली बनाना प्रस्तावित है. यह नाली 4 से 5 फीट गहरी तथा लगभग 3 फीट चौड़ी होगी. नाली को बनाने के बाद इसे स्लैब बनाकर ढका भी जाएगा वहीं, एफसीआई गोदाम के पास बने मोहल्ले की जल निकासी भी इसी नाली के माध्यम से होगी. विभागीय सूत्रों की मानें तो इसके लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा जा चुका है स्वीकृति के बाद अप्रैल माह के नाली का निर्माण शुरू हो जाएगा.

पूर्व में बने नाले के निर्माण में डूब गए 10.60  लाख रुपये:

पांडेय पट्टी की सरपंच रीता देवी के प्रतिनिधि ने बताया कि पांडेय पट्टी में व्याप्त जल जमाव की समस्या को दूर किए जाने को लेकर सदर विधायक की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि से जो नाला बनवाया जा रहा था बाद में उसका काम यह कहते हुए रोक दिया गया कि उस तरफ जल निकासी के लिए लेबल नहीं मिल रहा है. अधूरे निर्माण में तकरीबन 10.60 हज़ार रुपये का व्यय किया गया था. ऐसे में समस्या का कोई समाधान नहीं निकलता देख उन्होंने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की थी. इसके बाद न्यायालय के द्वारा प्रशासन तथा रेलवे को आपसी समन्वय से इस समस्या का निदान निकालने की बात कही गई थी.










Post a Comment

0 Comments