निजी अस्पतालों के संचालकों ने तो ऑक्सीजन की कमी का हवाला देकर रोगियों को एडमिट किए जाने से इनकार करना शुरु कर दिया था. संचालकों ने बताया कि सरकार की तरफ से यह निर्देश है कि सबसे पहले सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन को स्टोर किया जाना है वहीं से वितरण किया जाएगा लेकिन, प्रक्रिया इतनी धीमी है कि अब निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो गया है.
- ऑक्सीजन की कमी के कारण निजी अस्पतालों में नहीं भर्ती किए जा रहे थे मरीज
- जिला प्रशासन ने जारी किए आपूर्तिकर्ताओं के नाम, समन्वय के लिए पदाधिकारियों को किया नियुक्त
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: जिस प्रकार से जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है, उसे देखते हुए स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर से बेहतर इन बनाए जाने की आवश्यकता है. सदर अस्पताल के साथ-साथ अनुमंडलीय अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी जो व्यवस्थाएं हैं वह किसी से छिपी नहीं हैं उधर, अब निजी अस्पतालों ने भी रोगियों का इलाज प्रदान करने में हाथ खड़े करने शुरू कर दिए उनका कहना है कि, उनके यहां ऑक्सीजन खत्म हो गया है और सरकारी वितरण प्रक्रिया ऐसी है कि उन्हें ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं मिल पा रहे. ऐसे में रोगियों के समक्ष गंभीर समस्या खड़ी हो गई है. समस्या को देखते हुए जिला पदाधिकारी अमन समीर के द्वारा ऑक्सीजन आपूर्तिकर्ता एजेंसियों के नाम जारी किए गए हैं साथ ही यह निर्देश दिया गया है कि आगामी 15 मई तक ऑक्सीजन का केवल स्वास्थ्य सेवाओं में उपयोग किया जाएगा ऐसा नहीं करने पर संबंधित एजेंसियों पर आपदा अधिनियम के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी. ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करने के लिए समन्वय हेतु स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी समेत एक अन्य प्रशासनिक पदाधिकारी को नियुक्त किया गया है वहीं, ऑक्सीजन वितरण का पर्यवेक्षण करने की जिम्मेदारी अनुमंडल पदाधिकारी को दी गई है.
दरअसल, पिछले दो-तीन दिनों से ऑक्सीजन की कमी के कारण रोगियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा था. निजी अस्पतालों के संचालकों ने तो ऑक्सीजन की कमी का हवाला देकर रोगियों को एडमिट किए जाने से इनकार करना शुरु कर दिया था. संचालकों ने बताया कि सरकार की तरफ से यह निर्देश है कि सबसे पहले सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन को स्टोर किया जाना है वहीं से वितरण किया जाएगा लेकिन, प्रक्रिया इतनी धीमी है कि अब निजी अस्पतालों में ऑक्सीजन खत्म हो गया है. ऐसे में एक तरफ जहां सरकारी अस्पताल में वेंटिलेटर कार्यरत नहीं हैं वहीं, जहां वेंटिलेटर मौजूद है वहां ऑक्सीजन नहीं होने से रोगियों के समक्ष विकट परिस्थिति उत्पन्न हो रही है.
जिलाधिकारी के निर्देश पर एक आदेश जारी किया गया जिसमें यह बताया गया कि ऑक्सीजन आपूर्ति हेतु जिला मुख्यालय में स्थित सीपीसी इंटरप्राइजेज, सौरभ इंटरप्राइजेज, पाठक गैस एजेंसी तथा आरबी गैस एजेंसी को अधिकृत किया गया है. साथ ही समन्वय हेतु स्वास्थ्य विभाग के नोडल पदाधिकारी के रूप में डीपीएम संतोष कुमार को नामित किया गया है. इसके साथ में ही प्रशासनिक नोडल पदाधिकारी के रूप में जिला कल्याण पदाधिकारी चंद्रप्रकाश सिंह को नामित किया गया है जिनसे समन्वय स्थापित कर ऑक्सीजन प्राप्त किया जा सकता है. डीएम ने अपने आदेश में कहा है कि चारों एजेंसियों के ऑक्सीजन का किसी भी तरह के औद्योगिक उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है वहीं, संबंधित एजेंसी संचालक अपनी ऑक्सीजन सिलेंडर देने के क्रम में एक पंजी संधारित करेंगे जिसमें वर्णित होगा कि किस व्यक्ति संस्थान को ऑक्सीजन सिलेंडर कितने मात्रा में दिया गया. यदि एजेंसी के द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाता है तो आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी. नोडल पदाधिकारी ऑक्सीजन के सही उपयोग की जांच करेंगे साथ ही अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय इसका पर्यवेक्षण करेंगे. यह आदेश 15 मई तक लागू किया गया है.
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