42 डिग्री तापमान, प्रखंड कार्यालय में पानी के लिए लोग परेशान ..

42 डिग्री तक पहुंचे तापमान से त्रस्त आगंतुकों पीने के लिए सदर प्रखंड कार्यालय में ही पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. परिसर में स्थापित दो चापानल खराब हैं लेकिन, इनको बनवाने की कोई पहल महीनों से नहीं की जा रही. प्रखंड तथा अंचल कार्यालय में काम करने वाले कर्मियों के लिए बाहर से पानी मंगवाया जाता है लेकिन, यह पानी जनता को नहीं नसीब होता. 
सदर प्रखंड सह अंचल कार्यालय

 






- अब तक नहीं खुल सका लाखों की लागत से बने आगंतुक कक्ष का ताला
- करोड़ों जलापूर्ति योजना से पंचायतों में जल पहुंचाने का दावा, कार्यालय में ही नहीं है पानी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: सदर प्रखंड के 16 पंचायतों में करोड़ों रुपये की लागत से मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना के तहत पानी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है लेकिन, सोमवार को 42 डिग्री तक पहुंचे तापमान से त्रस्त आगंतुकों पीने के लिए सदर प्रखंड कार्यालय में ही पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. परिसर में स्थापित दो चापानल खराब हैं लेकिन, इनको बनवाने की कोई पहल महीनों से नहीं की जा रही. प्रखंड तथा अंचल कार्यालय में काम करने वाले कर्मियों के लिए बाहर से पानी मंगवाया जाता है लेकिन, यह पानी जनता को नहीं नसीब होता. ऐसे में जनता गंदगी युक्त पानी पीकर बीमारियों को आमंत्रित करती नजर आती है. 
प्रखंड कार्यालय में खराब पड़ा चापानल





अंचल कार्यालय के अंदर रखा पानी से भरा जार


प्रखंड कार्यालय के समीप स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण को पहुंचे लोगों में से किसी एक व्यक्ति को पानी पीने की इच्छा हुई. काफी तलाश के बाद जब उन्हें पानी नहीं मिला तो वह अंचल कार्यालय की तरफ पहुंचे जहां अंदर पानी का जार रखा हुआ दिखाई दे रहा था लेकिन, दरवाजे पर ही कोरोना संक्रमण का हवाला देते हुए प्रवेश निषेध का बोर्ड लगाया गया था. ऐसे में वह मायूस होकर वापस लौटे और प्रखंड कार्यालय परिसर के समीप बने चाय दुकान पर पहुंचे लेकिन चाय दुकान पर रखे क्रम में पड़ी गंदगी को देखकर उन्होंने पानी पीने का इरादा ही छोड़ दिया.



धूल फांक रहा आगंतुक कक्ष, बैठने के लिए जगह तलाश रहे लोग:

एक तरफ जहां गर्मी के मौसम में लोग इधर-उधर बैठकर धूप से बचने का प्रयास कर रहे हैं वहीं, यहां पहुंचे आगंतुकों के लिए  मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत 13 लाख 99 हजार रुपये की लागत से बना आगंतुक कक्ष का बंद पड़ा भवन व्यवस्था की हकीकत बयान कर रहा है. निर्माण के तकरीबन 8 महीने से ज्यादा का समय गुजर जाने के बाद भी यह जनता की सेवा में समर्पित नहीं किया गया है. कई बार पूछे जाने पर अधिकारियों की तरफ से कोई पहल नहीं की गई. हालांकि, प्रखंड विकास पदाधिकारी यह बताते हैं कि चाबी सदर विधायक के पास रखी हुई थी. प्रखंड कार्यालय में पहुंचे राजद के वरिष्ठ नेता संतोष भारती बताते हैं कि मुख्यमंत्री जहां लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने का दावा करते हैं वहीं, प्रखंड कार्यालय परिसर में लोगों का पानी के लिए भटकना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. यह सरकार की योजनाओं के झूठे दावों की पोल खोल रहा है.

पेड़ की छांव में बैठकर धूप से बचने का प्रयास करते लोग


कहते हैं अधिकारी:

पीने की पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए पीएचडी के अधिकारियों को कहा गया है. कुछ दिनों से चापाकल खराब है उम्मीद है कि, जल्द ही उन्हें दुरुस्त कर दिया जाएगा. आगंतुक कक्ष की चाबी विधायक जी के पास थी जो ले ली गई है. जल्द ही उसकी साफ-सफाई करवाई जाएगी जिसके बाद उसे जनता की सेवा में समर्पित कर दिया जाएगा.

दीपचंद जोशी
प्रखंड विकास पदाधिकारी








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