धूम्रपान निषेध, चैन की नींद तथा सकारात्मक विचार कोरोना को हराने में कारगर: डॉ. दिलशाद

बताया कि सामान्य व्यक्ति को कम से कम आठ घंटे की चैन की नींद सोना चाहिए. हो सके तो पेट के बल कुछ घंटे सोने से ऑक्सीजन लेबल भी बढ़ जाता है. शरीर कोरोना वायरस से लड़ने में काफी मदद मिलता है. उन्होंने बताया कि सर्दी बुखार या कमजोरी होने पर कोरोना का टेस्ट कराए आरटीपीसीआर के बजाए फेफड़े का सिटी स्कैन करा कर अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह लें. 




- प्रसिद्ध चिकित्सक डॉक्टर दिलशाद आलम दी जानकारी
- कहा, फेफड़ों को संक्रमण से बचाने के लिए करने होंगे उपाय

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: कोरोना वायरस की दूसरी लहर लोगो के फेफड़े पर असर कर उसे निष्क्रिय कर दे रहा है. जिससे बचना हो तो धूम्रपान से परहेज करने के साथ शारीरिक रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना होगा. उक्त बातें प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. दिलशाद आलम ने कही. वह फेफड़ों के संक्रमण से ठीक हो चुके उत्तर प्रदेश के गहमर जिले के बारा के रहने वाले 35 वर्षीय तौकीर नामक मरीज से बात करते हुए कह रहे थे. उन्होंने बताया कि फेफड़े को सुरक्षित रखना हो तो धूम्रपान से तौबा करना ही होगा. चिकित्सक ने बताया कि तौकीर का फेफड़ा 45 फीसद संक्रमित हो गया था लेकिन अब वह पूरी तरह स्वस्थ हैं.




चिकित्सक ने बताया कि सामान्य व्यक्ति को कम से कम आठ घंटे की चैन की नींद सोना चाहिए. हो सके तो पेट के बल कुछ घंटे सोने से ऑक्सीजन लेबल भी बढ़ जाता है. शरीर कोरोना वायरस से लड़ने में काफी मदद मिलता है. उन्होंने बताया कि सर्दी बुखार या कमजोरी होने पर कोरोना का टेस्ट कराए आरटीपीसीआर के बजाए फेफड़े का सिटी स्कैन करा कर अपने नजदीकी डॉक्टर से सलाह लें. हो सके तो अधिक से अधिक समय घर में रहे. जहाँ ऑक्सीजन लेवल अच्छी हो. नियमित रूप से फेफड़े का एक्ससाइज करते रहे.



पॉजिटिव रहने वाले व्यक्ति पा सकते हैं कोरोना वायरस पर विजय:

डॉ दिलशाद आलम ने बताया कि सकारात्मक सोच से इम्यूनिटी मजबूत होती है, जिससे ना सिर्फ कोरोना बल्कि, अन्य रोगों को भी हराया जा सकता है. कोरोना संक्रमित हुए व्यक्तियों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए अधिक से अधिक सकारात्मक बातें करे. जिससे मरीज को वायरस से लड़ने की इम्यूनिटी पॉवर बढ़े.






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