वीडियो: श्मशान घाट पर हुआ व्यवस्था का अंतिम संस्कार ..

एक साथ शवों को जलाना अपने आप में भयभीत करने वाली परिस्थिति पैदा कर रहा है. जिले के कई इलाकों से अपने परिजनों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे लोग इस परिस्थिति को देखकर परेशान हो जा रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि अनुमंडल पदाधिकारी के बार-बार निर्देशित किए जाने के बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा.
कोरोना वायरस से मृत व्यक्ति के शव को लगभग घसीटते हुए ले जाते स्वास्थ्य कर्मी





- प्रशासनिक अधिकारियों के आदेश की भी नहीं है यहां कोई अहमियत
- कोरोना संक्रमित मरीजों के शव को लाने और जलाने तक की नहीं है व्यवस्था

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: चरित्रवन स्थित मुक्तिधाम में व्यवस्था का अंतिम संस्कार हो चुका है. ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि, वहां पर मौजूद परिस्थितियां खुद-ब-खुद यह बात बयां कर रही है. बक्सर में कोरोना वायरस से संक्रमित महिला की मौत हो जाने के बाद एक तरफ जहां परिजनों के द्वारा अस्पताल में हंगामा करने और चिकित्सक से मारपीट जैसा कुकृत्य किया गया वहीं, दूसरी तरफ मृतका के पति और पुत्र को हिरासत में लेने के बाद प्रशासन के द्वारा शवदाह के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई. दरअसल शव को श्मशान घाट भेजा तो गया लेकिन, वहां अंतिम संस्कार के लिए प्रशासनिक स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. परिस्थितियां ऐसी थी कि स्वास्थ्य कर्मी अगर श्मशान घाट पर शव को उतार देते तो लावारिस की तरह वहीं पड़ा रहता. ऐसी परिस्थिति को देखते हुए परिजनों ने शव वाहन से शव को उतारने ही मना कर दिया .काफी देर तक जब तक वाहन कोविड केंद्र में वापस नहीं लौटा। ऐसे में संक्रमण मृत दूसरे व्यक्ति के परिजन तीन-चार घंटे के इंतज़ार के बाद शव को श्मशान घाट ले जाने के लिए परेशान हो गए. ऐसे में उन्होंने जिले के तमाम आला अधिकारियों को फोन किया, जिसके बाद अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय स्थिति को समझने के लिए श्मशान घाट पहुंचे. वहां पहुंचने के बाद जब वह सारी परिस्थितियों से अवगत हुए तो उन्होंने डांट-फटकार लगाते हुए नगर परिषद के कर्मियों को शवदाह के लिए तैयार कराया. और शव वाहन को वापस भेजा. शव वाहन के द्वारा जब दूसरा शव लाया गया तो उसे उतारकर श्मशान घाट तक ले जाने की भी व्यवस्था(स्ट्रेचर आदि) नहीं थी. ऐसे में स्वास्थ्य कर्मी शव को लगभग घसीटते हुए ले कर गए. इस परिस्थिति को देखने के बाद मृतकों के परिजनों ने जमकर प्रशासनिक व्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाई. मौके पर मौजूद मृतक के परिजनों ने इस तरह की व्यवस्था पर काफी रोष व्यक्त किया और कहा कि प्रशासन तथा जिला व राज्य स्वास्थ्य समिति को इस तरह की स्थिति पर ध्यान देना चाहिए और इसे सुधारने की पहल की जानी चाहिए. उधर अनुमंडल पदाधिकारी ने कहा कि यह ज्ञात हुआ कि कोरोना के मृत महिला के परिजनों के द्वारा विधि व्यवस्था में व्यवधान उत्पन्न करने की कोशिश की जा रही है जिसके बाद वह मौके पर पहुंचे और स्थिति को संभाला. शव को बिना स्ट्रेचर के ले जाने के मामले में उन्होंने जांच कर यह पता लगाने की बात कही कि कौन लोग थे जो शव को इस तरह से ले जा रहे थे.

बताया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के शवदाह तथा श्मशान घाट पर साफ-सफाई तथा अन्य व्यवस्थाओं को लेकर अनुमंडल पदाधिकारी के द्वारा नगर परिषद के कार्यपालक अधिकारी को दो बार पत्र लिखकर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित कराने की बात कही गई है, बावजूद इसके नगर परिषद के अधिकारी अभी तक इस बात को लेकर गहरी नींद में सो रहे हैं। हालात यह हैं कि मृतकों के परिजन कोरोना संक्रमित शवों को श्मशान घाट पर अन्य शवों के साथ ही जला रहे हैं ऐसे में संक्रमण बढ़ने की आशंका ज्यादा हो जा रही है हालांकि, एक साथ शवों को जलाना अपने आप में भयभीत करने वाली परिस्थिति पैदा कर रहा है. जिले के कई इलाकों से अपने परिजनों के शवों के अंतिम संस्कार के लिए पहुंचे लोग इस परिस्थिति को देखकर परेशान हो जा रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि अनुमंडल पदाधिकारी के बार-बार निर्देशित किए जाने के बावजूद व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा.

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