1962, 65 और 71 युद्ध के जांबाज़ योद्धा रिटायर्ड ऑनरी लेफ्टिनेंट रामविलास दूबे का निधन ..

चीन से 1962, पाकिस्तान से 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट रामविलास दूबे का जनरल थिमैया, एयर चीफ़ मार्शल सैम मानिक शाह के नेतृत्व में लड़े गए युद्ध में अहम योगदान तथा इनकी बहादुरी को देखते हुए भारत सरकार द्वारा इनको ऑनरी लेफ्टिनेंट सहित कई सम्मानों से नवाजा गया था. 

 




- पैतृक गांव नदांव स्थित घर पर अंतिम सांस
- पूर्व सैनिक संघ समेत ग्रामीणों ने भी जताया दुख

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: रिटायर्ड ऑनरी लेफ्टिनेंट सह असिस्टेंट कमांडेंट रामविलास दूबे का मंगलवार को निधन हो गया. 98 वर्ष की अवस्था में उन्होंने अपने पैतृक गांव नदांव में स्थित अपने घर में अंतिम सांस ली.चीन से 1962, पाकिस्तान से 1965 और 1971 की लड़ाई लड़ने वाले सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट रामविलास दूबे का जनरल थिमैया, एयर चीफ़ मार्शल सैम मानिक शाह के नेतृत्व में लड़े गए युद्ध में अहम योगदान तथा इनकी बहादुरी को देखते हुए भारत सरकार द्वारा इनको ऑनरी लेफ्टिनेंट सहित कई सम्मानों से नवाजा गया था. 




इनका देश प्रेम का जज्बा ऐसा था कि सेवानिवृत्त होने के बाद भी उन्होंने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में अपना अहम योगदान दिया और असिस्टेंट कमांडेंट के पद से सेवानिवृत्त हुए. इनके इकलौते पुत्र रामेश्वर दूबे गाँव में ही किसान हैं. दिवंगत लेफ्टिनेंट के पौत्र अमरेंद्र दूबे ने बताया कि वह सदैव देश प्रेम तथा ऊर्जा से भरी बातें बता कर सबको देश के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने की बात करते थे. उनका अंतिम संस्कार चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर किया जाएगा. उनके निधन पर पूर्व सैनिक संघ के विद्यासागर चौबे, हरेंद्र तिवारी, नदांव मुखिया मुन्ना सिंह, सरपंच संजय सिंह, नेपाली यादव, मुन्ना यादव के साथ साथ समस्त ग्रामीणों ने दुख व्यक्त किया है.









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