वीडियो: विधायक का दावा, एक ही एम्बुलेंस का 4 बार उद्घाटन करते हैं मंत्री ..

उन्होंने कहा कि आज जब कोरोना का दूसरा स्वरूप तेजी से अपने पांव पसार रहा है ऐसे में बक्सर के मरीजों को एंबुलेंस की घोर कमी महसूस हो रही है. परिजनों को पटना आदि ले जाने के लिए मनमाने दाम पर एंबुलेंस किराए पर ले जाना पड़ रहा है.

 





- विधायक ने पद का दुरुपयोग करने का लगाया आरोप
- प्रेस वार्ता कर सार्वजनिक तौर पर पूछे सवाल
- जनहित याचिका दायर करने की भी दी है चुनौती

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एसजेवीएन पावर प्लांट प्रोजेक्ट के सीएसआर फंड के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति को 6 एंबुलेंस सौंपे गए थे जिनका परिचालन 102 एंबुलेंस के तहत पिछले 2 वर्षों तक सही ढंग से हो रहा था लेकिन, ये बंद हो गए फिर 22 सितंबर 2020 को स्थानीय सांसद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा सभी एंबुलेंस को एचएलएल नामक एनजीओ के सुपुर्द करने हेतु सिविल सर्जन को पत्र प्रेषित किया गया, फलस्वरूप 102 के तहत एम्बुलेंस का संचालन बंद हो गया. मेरे द्वारा विरोध करते हुए जिला पदाधिकारी को 24 सितंबर 2020 को पत्र प्रेषित किया गया जिसके बाद एचएलएल को एंबुलेंस का हस्तांतरण नहीं हो सका लेकिन 102 एंबुलेंस का भी परिचालन शुरू नहीं हुआ. 8 अप्रैल 2021 को पुनः स्थानीय सांसद अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा इन सभी छह एंबुलेंस को धनुष फाउंडेशन के सुपुर्द करने संबंधी निजी पत्र सिविल सर्जन को दिया गया है. जिसका मौखिक तौर पर मेरे द्वारा जिलाधिकारी सिविल सर्जन एवं सीईओ एसजेवीएन के समक्ष विरोध दर्ज कराया गया लेकिन, सभी लोगों ने टालमटोल भरा रवैया अपनाया और अब उस एंबुलेंस को एक बार फिर "चिकित्सा-चिकित्सक आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत महर्षि विश्वामित्र चलंत चिकित्सकीय वाहन के रूप में उद्घाटन किया गया. यह कहना है सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी का. उन्होंने कहा कि आज जब कोरोना का दूसरा स्वरूप तेजी से अपने पांव पसार रहा है ऐसे में बक्सर के मरीजों को एंबुलेंस की घोर कमी महसूस हो रही है. परिजनों को पटना आदि ले जाने के लिए मनमाने दाम पर एंबुलेंस किराए पर ले जाना पड़ रहा है. इन्हीं सब बातों को देखते हुए 14 मई को अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र प्रेषित कर मैंने यह अल्टीमेटम दिया था कि, 48 घंटे अर्थात 17 मई तक एंबुलेंस जिला स्वास्थ्य समिति को वापस नहीं किया जाएगा तो 17 मई से मेरे द्वारा अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा लेकिन, इसी बीच केंद्रीय मंत्री के द्वारा एंबुलेंस का पुनः उद्घाटन कर दिया गया. 




उन्होंने प्रेस वार्ता करते हुए यह सवाल उठाए कि, किन परिस्थितियों में एसजेवीएन के द्वारा जिला स्वास्थ समिति को दी गई एंबुलेंस को हटाकर पुनः निजी एनजीओ को सौंपी गई? जीवन रक्षक उपकरणों से सुसज्जित एंबुलेंस को आखिर किन परिस्थितियों में दूसरे कार्यक्रम में इस्तेमाल किया गया? धनुष फाउंडेशन को गलत तरीके से एंबुलेंस हस्तगत कराने के लिए एसजेवीएन द्वारा पुनः धनुष फाउंडेशन से इकरारनामा करना भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा है और मंत्री द्वारा पद का दुरुपयोग है. जिसके खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की जाएगी तथा सभी एंबुलेंस का पूर्व की भांति परिचालन सुनिश्चित होने तक लड़ाई जारी रहेगी. इतना ही नहीं दोषियों पर एफआइआर भी कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि "चिकित्सा-चिकित्सक आपके द्वार" कार्यक्रम स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार के किसी आधिकारिक वेबसाइट पर नहीं दिखाई दे रहा. उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के निजी कार्यक्रम में जिला स्वास्थ्य समिति के साधन का इस्तेमाल कैसे हुआ यह भी जांच का विषय है. 


विधायक का दावा 4 बार हुआ एक ही एंबुलेंस का उद्घाटन:

विधायक ने यह दावा किया कि 31 अगस्त 2019 को इसी एंबुलेंस का उद्घाटन हुआ था. जिसमें लैब ऑन बाइक भी शामिल थी. इस लैब के द्वारा 76 पर तरह की जांच होती थी लेकिन, यह बाइक उद्घाटन के साथ ही गायब हो गई है. 18 अगस्त 2019 को इसी एंबुलेंस को धनवंतरी चलंत एंबुलेंस के रूप में लोकार्पण किया गया लेकिन, वह भी गायब है. विधायक का आरोप है कि इसके अतिरिक्त 4 अप्रैल 2021 को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम में एंबुलेंस का उद्घाटन हुआ जो लापता है. 16 मई को पुनः महर्षि विश्वामित्र चलंत अस्पताल नाम से इसी एंबुलेंस को वर्चुअल तरीके से मंत्री ने उद्घाटित किया. ऐसे में उन्होंने यह सीधा सवाल पूछा है कि अब तक एंबुलेंस के माध्यम से कितने जांच हुए हैं, अब तक कितने लोगों की नियुक्ति हुई है तथा कितने किलोमीटर यह एंबुलेंस चले हैं इसकी जानकारी भी दी जाए.

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