मोक्षदायिनी में बह रही दर्जनों लाशों को लेकर प्रशासन ने बतायी यह थ्योरी ..

बताया कि जो भी शव गंगा में मिले हैं वह सभी बक्सर जिले के हैं ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लकड़ियों की कीमत में वृद्धि के कारण लोगों का अंतिम संस्कार ना कर उन्हें गंगा में बहाए जाने की बात भी सही नहीं है हालांकि, स्थानीय लोग जिला पदाधिकारी की बात से सहमत नहीं हैं.
गंगा में बह रही लाशें





- डीएम ने कहा, जिले की ही नहीं है सभी लाशें, पैसों का आभाव भी नहीं है शवों को प्रवाहित करने का कारण
- अनुमंडल पदाधिकारी ने किया मुआयना, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से भी की बातचीत

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: गंगा में दर्जनों शवों को बहाए जाने की सूचना मिलने पर सोमवार को प्रशासन काफी सक्रिय हो गया. जिला पदाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय मौके पर पहुंचे तथा उन्होंने सीओ नवलकान्त तथा बीडीयो अशोक कुमार के साथ मिलकर उस जगह का मुआयना किया जहां शव पड़े हुए थे. बाद में यह ज्ञात होने पर की शव उत्तर प्रदेश की तरफ से भी आ रहे हैं वह उत्तर प्रदेश की सीमा में भी गए, वहां जाकर उन्होंने वहां के अधिकारियों से इस स्थिति पर विचार-विमर्श किया और कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि गंगा में शवों को ना बहाया जाए. 
प्रेस वार्ता करते डीएम-एसपी तथा एसडीएम


उधर, इस मामले को लेकर जिला पदाधिकारी अमन समीर ने प्रेस वार्ता की जिसमें उन्होंने पत्रकारों से यह बताया कि जो भी शव गंगा में मिले हैं वह सभी बक्सर जिले के हैं ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि लकड़ियों की कीमत में वृद्धि के कारण लोगों का अंतिम संस्कार ना कर उन्हें गंगा में बहाए जाने की बात भी सही नहीं है हालांकि, स्थानीय लोग जिला पदाधिकारी की बात से सहमत नहीं हैं.




राजपुर से पहुंचे एक व्यक्ति राम बिहारी ने बताया की इलाज का महंगा खर्च होने के बावजूद उनके स्वजन को बचाया नहीं जा सका. उन्होंने कहा कि इस भीषण महामारी में लगातार लोगों की मौतें हो रही हैं. ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वह शवदाह के लिए लकड़ी आदि का इंतजाम करें ताकि, कमजोर तबके के लोग भी शवों का अंतिम संस्कार कर सकें और उन्हें इस तरह गंगा में प्रवाहित ना करें. बाद में अनुमंडल पदाधिकारी कुमार उपाध्याय  के समझाने-बुझाने के बाद परिजन शवदाह को तैयार हुए.

अपनी व्यथा बताते व्यक्ति


सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार:

डीएम अमन समीर ने कहा कि जो भी शव मिले हैं उनका पोस्टमार्टम कराया जाएगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद शवों का सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा. उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वह अपने स्वजनों के शवों को इस तरह की दुर्दशा का शिकार होने के लिए गंगा में ना बहाएं और उनका विधिवत अंतिम संस्कार करें. अनुमंडल पदाधिकारी के. के.उपाध्याय ने बताया कि कबीर अंत्येष्टि के तहत सरकारी खर्चे पर शवदाह किया जा रहा है ऐसे में शवों को गंगा में फेंकना उचित नहीं है.

यूपी के अधिकारियों से बात करने पहुंचे एसडीएम


स्थिति से निपटने के लिए होगी रिवर पेट्रोलिंग:

पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने बताया कि शव कहां से आ रहे हैं यह पता लगाने के लिए रिवर पेट्रोलिंग भी की जाएगी. उन्होंने बताया नियमित रूप से घाटों की निगरानी भी होगी ताकि लोगों को गंगा में शवों को फेंकने से रोका जा सके. इसके साथ ही सभी शवों का पोस्टमार्टम कराने से भी स्थिति साफ हो जाएगी कि ये शव किस प्रकार के हैं अथवा किन परिस्थितियों में इन लोगों की मृत्यु हुई है.

घाट पर जेसीबी से कराई जा रही खुदाई


अभी भी बह रही है सैकड़ों लाशें:

शवों को गंगा से निकालने का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा लेकिन, अभी भी गंगा के किनारे अथवा नदी में सैकड़ों शवों को बहते देखा जा रहा है. स्थानीय निवासी शशिकांत कुमार ने बताया कि अभी भी गंगा में सैकड़ों शव पड़े हुए हैं. शायद सभी को निकालना प्रशासन के लिए संभव भी नहीं.







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