कहा कि, अब तो राजद को शर्म आनी चाहिए कि अब उनके विरोधी जीतन राम मांझी ने साहब की राजकीय सम्मान के साथ सिवान में दाह-संस्कार करने की मांग कर दी है लेकिन, राजद के बड़े नेता चुपी साधे हुए हैं.
- कहा, राजद नहीं कर रहा अकालियतों का सम्मान
- राजद के प्राथमिकी सदस्यता से भी दिया इस्तीफ़ा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: राजद के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के निधन के बाद राजद के अल्पसंख्य समुदाय के लोगों के बीच एक नई बहस छिड़ गई है. उनका कहना है कि पूर्व सांसद को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे. राजद तकनीकी प्रकोष्ठ के प्रदेश सचिव मो. शोहराब कुरैशी का कहना है कि, वह अपने मार्गदर्शक मरहूम सैय्यद शहाबुद्दीन साहब के आत्मिक मृत्यु से बहुत ही आहत हैं जिसे वह बयान नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि उन्होंने ताउम्र राजद की सेवा की. वह सालों साल पार्टी हित में कार्य करते रहें उन्होंने कहा कि, वैसे कार्यकर्ता जो अपने संसदीय जीवन में विधानसभा के सदस्य तथा लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं उनके लिए पार्टी में कोई सम्मान नहीं है ऐसे छोटे कार्यकर्ताओं का क्या होगा?
मो. शोहराब ने कहा कि राजद पार्टी की तरफ से कोई व्यक्ति जो पार्टी के बड़े पद पर हो शोकाकुल परिवार के साथ खड़ा नहीं है. ऐसे में हम छोटे कार्यकर्ता का राजद परिवार में किस तरह का वजूद रहेगा यह आने वाला समय बताएगा. ऐसे में उन्होंने इस घटना से आहत हो कर तत्काल प्रभाव से राजद सक्रिय कार्यकर्ता एवं पार्टी के बिहार प्रदेश तकनीकी प्रकोष्ठ के सचिव पद से इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने कहा कि, अब तो राजद को शर्म आनी चाहिए कि अब उनके विरोधी जीतन राम मांझी ने साहब की राजकीय सम्मान के साथ सिवान में दाह-संस्कार करने की मांग कर दी है लेकिन, राजद के बड़े नेता चुपी साधे हुए हैं. यह समझ मे नहीं आ रहा है कि, राजद कब से साहब को लेकर नरम रुख अपनाती है? यह बात बिहार के अकलियत समाज को पत्ता ही नहीं थी लेकिन, साहब के जाने के बाद पता चली है.
0 Comments