तकरीबन 12 वर्षों से दुबई में रह रहे एनआरआई रवि चांद उर्फ रवि शंकर चंद ने अन्य देशों में रहने वाले एनआरआई का ग्रुप बनाया और महामारी के समय मे मदद के अभियान शुरु कर दिया. उन्होंने अपनी जन्मभूमि बक्सर के लिए एनआरआई का समूह बनाकर राहत सामग्री भेजने का काम किया है.
मदद के लिए भेजी जा रही सामग्रियों का पैकेट तैयार करते रवि चांद |
- संकट काल में मदद को आगे आएं बक्सर मूल के एनआरआई
- एनआरआई मित्रों की टीम बना कर कर रहे हैं मानवता की सेवा
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: एक तरफ जहां लोग अपने देश में रहकर ही देश के लिए अपना योगदान नहीं दे पा रहे वहीं, जनप्रतिनिधि भी महामारी के इस दौर में जनता के उम्मीदों पर खरा नहीं उतर रहे. ऐसे में दुबई में रहने के बाबजूद अपनी मिट्टी आज भी बहुत ज्यादा प्यार करने वाले जिले के मूल निवासी व्यक्ति ने कोविड-19 की भयावह स्थिति देखते हुए मदद को हाथ बढ़ाए हैं तथा जिले के ही निवासी अपने अन्य एनआरआई मित्रों के साथ मिलकर एक समूह बनाकर लोगों की सेवा करनी शुरू कर दी है. मदद की पहली खेप के रूप में उन्होंने ऑक्सीजन फ्लो मीटर, मास्क, सैनिटाइजर तथा नगद राशि भेजी है.
रवि चाँद |
दरअसल, डुमरांव थाना क्षेत्र के एकौनी के मूल निवासी तथा तकरीबन 12 वर्षों से दुबई में रह रहे एनआरआई रवि चांद उर्फ रवि शंकर चंद ने अन्य देशों में रहने वाले एनआरआई का ग्रुप बनाया और महामारी के समय मे मदद के अभियान शुरु कर दिया. उन्होंने अपनी जन्मभूमि बक्सर के लिए एनआरआई का समूह बनाकर राहत सामग्री भेजने का काम किया है.
मालूम हो कि अम्बेडकर ग्लोबल के निदेशक रवि शंकर चांद के द्वारा भेजे जा रहे फ्लो मीटर से मरीजों को काफ़ी मदद मिलेगी. एनआरआई रवि ने बताया कि अम्बेडकर ग्लोबल विभिन्न देशों के बुद्धिजीवियों द्वारा गठित एक अंतरराष्ट्रीय समूह है, जो बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के कार्यों से दुनिया भर में समाज के लिए एक जुनून के साथ मार्गदर्शन का उद्देश्य रखती है. वर्तमान में भारत में फ्लोमीटर की काफी कमी है. इसे गंभीरता से लेते हुए तात्कालिक सहायता के लिए उच्च गुणवत्ता के 2500 मास्क, सैनिटाइज़र और 40 फ्लो मीटर प्रदान किए हैं वहीं, रेडक्रॉस सोसायटी को 5001 की राशि दान स्वरूप दी है.
प्राप्त सामग्री के साथ एसडीएम, सीएस रेडक्रॉस सचिव व अन्य |
स्वास्थ्य कर्मियों के प्रति भी गंभीर हैं चांद:
रवि चांद ने बताया कि वह सदर अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में मौजूदा समय में कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों का कार्य सराहनीय है. उनकी संस्था के द्वारा जिले विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत नर्स और कोविड स्टाफ को भी प्रोत्साहित किया जाएगा. सभी को पीपीई किट, हेड सर्जिकल कैप और सैनिटाइज़र के साथ उच्च गुणवत्ता का एक मिल्टो लंच बॉक्स दिया जायेगा. हमारा समूह इस स्थिति में लगातार निगरानी कर रहा है.
डॉ चंद्र भूषण चौबे, ग्राम- अहिरौली (मेक्सिको में विश्वविद्यालय में निदेशक हैं) |
12 साल से दुबई में हैं चांद, एनआरआई व भारतीयों की बनाई है टीम:
रवि शंकर चांद मुख्य रूप से नवादा चौक आरा के रहने वाले हैं लेकिन, उनकी जन्मभूमि बक्सर के डुमरांव का एकौनी गांव है. वे पिछले 12 वर्षों से दुबई में हैं. अपने एनआरआई मित्रों की सहायता से आरा के लोगों की मदद के बाद जब उन्हें बक्सर की स्थिति मालूम हुई तो उनसे रहा नहीं गया और उन्होंने तत्काल मदद पहुंचाई. उन्होंने कहा कि रेडक्रॉस के सचिव डॉ श्रवण कुमार तिवारी से उन्हें जानकारी मिली कि बक्सर में जीवन रक्षक उपकरणों की कमी है.
ग्राम - सिमरी सातो पट्टी के मूल डॉ. रुद्र नारायण दूबे (न्यू जर्सी, अमेरिका में रहते हैं और एक चिकित्सा वैज्ञानिक हैं |
उनके समूह में जुड़ कर लोगों की मदद करने वाले अन्य एनआरआई सातो पट्टी सिमरी के मूल निवासी तथा अमेरिका के न्यू जर्सी के मूल निवासी चिकित्सा वैज्ञानिक डॉ. रुद्र नारायण दूबे अहिरौली के मूल निवासी तथा मेक्सिको विश्विद्यालय के निदेशक डॉ चंद्र भूषण चौबे, इंग्लैंड के वे बाथ में डिप्टी मेयर तथा बिक्रमगंज के मूल निवासी डॉ युक्तेश्वर कुमार डुमरांव के रामपुर से अनुपम पांडेय, जो कैलिफोर्निया, अमेरिका से टाटा कंसल्टेंसी सर्विस में काम कर रहे हैं. वहीं, इंटर कॉलेज डुमरांव की प्रिंसिपल सुमन चतुर्वेदी, तथा यदुवंश चौबे मेमोरियल संस्थान से जुड़े सुनील चौबे और खिरौली के आलोक गौतम ने आंशिक रूप से इस प्रयास में योगदान दिया.
बिक्रमगंज के डॉ युक्तेश्वर कुमार वे बाथ, इंग्लैंड में डिप्टी मेयर और यूके में डीआई मेयर बनने वाले पहले भारतीय और गैर-श्वेत हैं |
आरा के बाद बक्सर के एक गांव को गोद लेने की है तैयारी:
पहल का नेतृत्व कर रहे रवि शंकर चांद ने कहा कि संकट की इस घड़ी में समुदाय को एकजुट करना और मदद करना हमारी नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि हमें अपने समाज को वापस देना है और सरकार को दोष नहीं देना है. हम आरा में एक गाँव को गोद लेने के बाद बक्सर में भी एक गांव को गोद लेने की योजना बना रहे हैं. मालूम हो कि लॉकडाउन के दौरान भी उन्होंने 30 चार्टर्ड उड़ानों को किराए पर लेकर बिहार में 6000 मजदूर भेजा था. अपने सामाजिक कार्यों को लेकर रवि शंकर चांद को पहले से ही बिहार समेत भारत में बजरंगी भाईजान के रूप में जाना जाता है. उन्होंने बताया है कि किसी भी सहायता के लिए उनसे व्हाट्सएप नंबर +971502310625 पर सम्पर्क किया जा सकता है.
अनुपम पांडे, ग्राम रामपुर, डुमरांव (कैलिफोर्निया, अमेरिका में टाटा कंसल्टेंसी सर्विस कार्यरत) |
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