मामूली बारिश में ध्वस्त हुआ 'चप्पा-चप्पा, गली-गली' निर्बाध बिजली आपूर्ति का दावा ..

बारिश और हवाओं के कारण न सिर्फ जिला मुख्यालय बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी घंटों तक बिजली आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो गई. एक तरफ जहां साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के द्वारा 'चप्पा-चप्पा और गली-गली' को रोशन करने का दावा किया जाता है वहीं, घंटों तक बिजली गायब रहने के कारण लोग काफी परेशान हुए.
बीबीगंज मोहल्ले में टेढ़ा हुआ विद्युत खंभा






- कई घंटों तक बाधित रही बिजली आपूर्ति, परेशान रहे लोग
- सभी इलाकों में एक समान स्थिति, समाधान के लिए परेशान रहे लोग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: मंगलवार की सुबह 3 बजे से शुरू हुई बरसात ने बक्सर में बिजली व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. बारिश और हवाओं के कारण न सिर्फ जिला मुख्यालय बल्कि ग्रामीण इलाकों में भी घंटों तक बिजली आपूर्ति व्यवस्था बाधित हो गई. एक तरफ जहां साउथ बिहार पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के द्वारा 'चप्पा-चप्पा और गली-गली' को रोशन करने का दावा किया जाता है वहीं, घंटों तक बिजली गायब रहने के कारण लोग काफी परेशान हुए. परेशान होकर उन्होंने अधिकारियों तथा कर्मचारियों को फोन भी किया लेकिन किसी ने या तो फोन रिसीव नहीं किया और जिसने फोन रिसीव किया उसने केवल आश्वासन ही दिया. हालात यह रहें कि अहले सुबह से लेकर शाम तक गड़बड़ाई विद्युत आपूर्ति ने लोगों का संकट बढ़ा दिया. बाद में बिजली व्यवस्था को दुरुस्त भी किया गया लेकिन, फिर भी कई इलाकों से विद्युत आपूर्ति बाधित होने की समस्याएं सामने आती रही.




मजे की बात तो यह है कि अधिकारी इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि, बिजली की व्यवस्था बदहाल है. उनका कहना है कि, जैसे ही विद्युत आपूर्ति खराब होने की जानकारी उन्हें मिलती है, तुरंत ही उसे दुरुस्त करा दिया जाता है हालांकि, उपभोक्ता अधिकारियों के इस बयान से सहमत नहीं हैं. जिला मुख्यालय के सोमेश्वर स्थान के समीप बीबीगंज मोहल्ले के निवासी राहुल चौबे बताते हैं कि मोहल्ले में तकरीबन 17 घंटे से बिजली की आपूर्ति बाधित है. इस बात को लेकर अधिकारियों को फोन लगाया गया लेकिन, अधिकारियों ने फोन तक नहीं उठाया. ऐसे में उपभोक्ता हैरान-परेशान इस बात की उम्मीद लगाए बैठे हैं कि, जब बिजली कंपनी के अधिकारियों की इच्छा होगी तब विद्युत आपूर्ति शुरू होगी. 





शिवपुरी के रहने वाले विद्युत उपभोक्ता के.के. ओझा बताते हैं कि सुबह 3:00 बजे बारिश शुरु होने के साथ ही बिजली चली गई जो कि सुबह 6:00 बजे दोबारा आई. उस समय से लेकर दोपहर 3:00 बजे तक बिजली हर आधे घंटे पर जाती और आती रही.3:00 बजे के बाद लगातार संध्या 5 बजे तक बिजली गायब रही. इस मामले को लेकर शिकायत करने के बावजूद कोई सही जवाब कंपनी के पदाधिकारियों के द्वारा नहीं दिया जा रहा. उन्होंने कहा कि, अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रति यूनिट सबसे अधिक विद्युत शुल्क लेने वाली बिजली कंपनी उपभोक्ताओं की सेवा में फिसड्डी है. उधर पांडेय पट्टी में सुबह 3:00 बजे से गायब बिजली सीधे दोपहर साढ़े 12 बजे दिखाई दी. स्थानीय निवासी जितेंद्र सिंह बताते हैं कि, उनके मकान की ढलाई हो रही थी अचानक से पानी खत्म हो गया और काफी देर तक काम रोकना पड़ा. जानकारी लेने के लिए बिजली कर्मियों से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उनकी तरफ से भी कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला.

ग्रामीण इलाके में भी वही हालत:

प्रताप सागर पावर स्टेशन के अंतर्गत आने वाले तिवारीपुर, दलसागर, बेलाउर, दहिवर, मंझरिया, रामोबारिया, बालापुर, शेरपुर, पड़री, चरामनपुर, साहोपरा गांव में भी सुबह 3 बजे शुरू हुई बारिश के बाद बिजली आपूर्ति बाधित हो गई. फिर सुबह 6 बजे से बिजली आपूर्ति शुरू भी हुई तो लगातार आंख - मिचौली जारी रही. ग्रामीण प्रमोद तिवारी, सौरभ तिवारी, व्यंकटेश पाण्डेय, विशाल तिवारी, अजीत पांडेय आदि का कहना है कि बिजली कंपनी केवल बिल लेना जानती है उसके अलावा विद्युत की निर्बाध आपूर्ति को लेकर उसके द्वारा कोई प्रयास नहीं किया जाता.

अधिकारी करते हैं तुरंत समाधान का दावा, मिस्त्री बताते हैं अंदर की कहानी:

साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के सहायक अभियंता आपूर्ति शिव कुमार बताते हैं कि, नगर क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति कि किसी भी समस्या के लिए मोबाइल संख्या 7033095837 पर शिकायत की जा सकती है. शिकायत मिलने के तुरंत बाद ही विद्युत आपूर्ति को दुरुस्त कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि जहां भी विद्युत आपूर्ति बाधित होने की शिकायत मिलती है तुरंत ही उसे दुरुस्त कर दिया जाता है. उधर ग्रामीण इलाकों की बिजली को लेकर ग्रामीण विद्युत अभियंता से उनके मोबाइल नंबर 7763814286 पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन, फोन नहीं उठाने के कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका. इसी बीच नाम ना छापने की शर्त पर ग्रामीण इलाके के एक विद्युत मिस्त्री ने बताया कि, बरसात के दिनों में कई जगहों पर खंभों पर लगे चीनी मिट्टी इंसुलेटर टूट जाते हैं. घटिया क्वालिटी के सामान इस्तेमाल किए जाने के कारण विद्युत आपूर्ति सदैव बाधित रहती है.




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