बताया कि मंगलवार को उनके पति सिमरी बाजार में गए हुए थे उधर उनके ससुर श्याम नारायण पांडेय को इलाज के लिए चिकित्सक के यहां ले जाने की तैयारी हो रही थी जैसे ही ड्राइवर ने इसके लिए गेट खोल कर कार को बाहर निकाला उधर से ही गुजर रहे अंचलाधिकारी ने गेट में ताला बंद कर दिया और चाबी लेकर जाने लगे.
ग्रामीण को खींच कर ले जाते अंचलाधिकारी |
- गलत लोगों के साथ मिलीभगत का लगाया आरोप
- थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी करने का अनुरोध
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: सिमरी थाना क्षेत्र के रामो पट्टी की रहने वाली एक महिला ने अंचलाधिकारी पर उनके पति के साथ मारपीट करने उन्हें झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाते हुए थाने में प्राथमिकी हेतु आवेदन दिया है. महिला रेणु देवी, पति- गंगासागर पांडेय ने अपने आवेदन में बताया है कि, स्थानीय निवासी मनोज पांडेय तथा बाबुल तिवारी से उनका पुराना विवाद है दरअसल, इन लोगों ने उनके द्वारा तकरीबन 15 साल पूर्व खरीदी गई जमीन का एक हिस्सा तीन-चार माह पूर्व गलत तरीके से अपने नाम निबंधित करा लिया है. अब वह अंचलाधिकारी अनिल कुमार तथा थाने के पुलिसकर्मियों की सहायता से के द्वारा उस जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं. इसके लिए वह बार-बार प्रयास करते रहे हैं.
रेणु देवी ने बताया कि मंगलवार को उनके पति सिमरी बाजार में गए हुए थे उधर उनके ससुर श्याम नारायण पांडेय को इलाज के लिए चिकित्सक के यहां ले जाने की तैयारी हो रही थी जैसे ही ड्राइवर ने इसके लिए गेट खोल कर कार को बाहर निकाला उधर से ही गुजर रहे अंचलाधिकारी ने गेट में ताला बंद कर दिया और चाबी लेकर जाने लगे. उनका यह आरोप था कि उनके मकान के अंदर अवस्थित सीमेंट आदि की दुकान उन्होंने खोल कर रखी है जबकि, सच्चाई यह है कि उनकी दुकान और मकान एक ही भवन में है. ऐसे में जब कार निकालने के लिए दरवाजा खोला गया तो सीओ ने इसे दूसरा रंग देने की कोशिश की. कुछ देर के बाद सीओ ने ताले के ऊपर सील लगाना शुरू कर दिया. इसी बीच उनके पति गंगासागर पांडेय भी बाजार से लौट आए. उन्होंने इसका विरोध किया तो सीओ ने उनके साथ मारपीट की. इस मारपीट में उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया. जिसके बाद उनके पति को अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. इस घटना के तकरीबन डेढ़ 2 घंटे बाद सिमरी थानाध्यक्ष ने चाबी ला कर उन लोगों को दे दी. इस मामले में जानकारी लेने के लिए अंचलाधिकारी के सरकारी नंबर पर फोन किया गया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ था. जिसके कारण उनका पक्ष ज्ञात नहीं हो सका.
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