प्रदूषण उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करने के लिए बीएस-4 मॉडल के वाहनों का विक्रय पूरे देश में रोक दिया गया है. इसके साथ ही वायु प्रदूषण रोकने के लिए सूबे में चलंत प्रदूषण जांच केंद्र के द्वारा वाहनों के प्रदूषण उत्सर्जन की जांच करने के साथ-साथ तुरंत सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जा रहा है.
- परिवहन विभाग की पहल, मोबाइल वाहन रखेगा प्रदूषण उत्सर्जन के स्तर को नियंत्रित
- जिले के विभिन्न इलाकों में पहुंचकर की जा रही है प्रदूषण जांच
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: प्रदूषण उत्सर्जन मानकों का अनुपालन करने के लिए बीएस-4 मॉडल के वाहनों का विक्रय पूरे देश में रोक दिया गया है. इसके साथ ही वायु प्रदूषण रोकने के लिए सूबे में चलंत प्रदूषण जांच केंद्र के द्वारा वाहनों के प्रदूषण उत्सर्जन की जांच करने के साथ-साथ तुरंत सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जा रहा है. जिले की सड़कों पर भी विभिन्न स्थानों पर चलंत प्रदूषण जांच केंद्र देखने को मिल रहा है. इस संदर्भ में जिला परिवहन पदाधिकारी मनोज रजक ने बताया कि टाटा मोटर तथा परिवहन विभाग के सहयोग से यह सेवा पूरे जिले में दी जा रही है. इसके तहत सभी वाहनों का ऑनस्पॉट प्रदूषण जांच एवं प्रदूषण प्रमाण पत्र निर्गत किया जा रहा है.
प्रतिदिन 50 से 60 वाहनों की हो रही प्रदूषण जांच:
जिला परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि चलंत वाहन के माध्यम से सुदूर ग्रामीण इलाकों में जहां प्रदूषण जांच केंद्र नहीं है, वहां भी वाहनों के प्रदूषण उत्सर्जन की जांच हो रही है. प्रतिदिन 50 से 60 वाहनों की प्रदूषण जांच की जा रही है इसके लिए सभी थाना एवं अनुमंडल तथा प्रखंड स्तर के पदाधिकारियों को सहयोग देने को कहा गया है उनसे अपेक्षित सहयोग मिल भी रहा है. उन्होंने बताया कि 16 जून से 22 जून तक चलंत प्रदूषण जांच केंद्र के द्वारा कुल 263 वाहनों की प्रदूषण जांच की गई है.
दो पहिया से लेकर 20 पहिया तक के वाहनों पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना:
परिवहन पदाधिकारी ने बताया कि प्रदूषण उत्सर्जन पर्यावरण को नुकसान न पहुंचाए इसके लिए सभी वाहनों के प्रदूषण उत्सर्जन की जांच होती है और उन्हें एक सर्टिफिकेट प्रदान किया जाता है यह प्रमाण पत्र नहीं रहने पर 2 से लेकर 20 तक के सभी वाहनों पर 10 हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है जबकि, दो पहिया वाहनों के लिए प्रदूषण उत्सर्जन की जांच कर प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए 80 रुपये, तीन पहिया वाहनों के लिए 100 रुपये, चार पहिया वाहनों के लिए 120 रुपये, मध्यम भार वाहनों के लिए 200 रुपये तथा भारी वाहनों के लिए 500 रुपये का दर निर्धारित है.
पर्यावरण संरक्षण में सभी दे अपना योगदान:
जिस प्रकार वैश्विक महामारी कोरोना ने लोगों को आक्रांत किया है, उसे देखते हुए पर्यावरण के संरक्षण की बात सबको समझ में आनी चाहिए. वाहनों के प्रदूषण जांच से लोक पर्यावरण संरक्षण में अपना अमूल्य योगदान दे सकते हैं. चलंत प्रदूषण जांच केंद्र के माध्यम से लोगों के घरों तक यह सुविधा प्रदान की जा रही है.
मनोज रजक,
जिला परिवहन पदाधिकारी
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