इस दौरान विश्व के पैंसठ देशों से पर्यावरणविदों एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने भाग लिया. इसके मॉडरेटर डॉ. सीमा मिश्रा, सदस्य , राष्ट्रीय कार्यकारिणी बोर्ड कार्यकारिणी (SCWI) ने मुख्य बिंदु से वेबीनार की शुरुआत की. विभिन्न देशों से जुड़े लोगों से सभी पर्यावरणविदों का आपसी परिचय कराया गया.
- वेबिनार में विश्व भर से जुड़े पर्यावरणविद वर्तमान हालातों पर जताई चिंता
- शामिल हुए अलग-अलग देशों के लोग, पर्यावरण रक्षा का लिया संकल्प
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जिसका आयोजनकर्ता दक्षिण एशियाई उन्नत अनुसंधान और विकास संस्थान (SAIARD) था. इस दौरान विश्व के पैंसठ देशों से पर्यावरणविदों एवं सामाजिक कार्यकर्ता ने भाग लिया. इसके मॉडरेटर डॉ. सीमा मिश्रा, सदस्य , राष्ट्रीय कार्यकारिणी बोर्ड कार्यकारिणी (SCWI) ने मुख्य बिंदु से वेबीनार की शुरुआत की. विभिन्न देशों से जुड़े लोगों से सभी पर्यावरणविदों का आपसी परिचय कराया गया. सेमिनार का आयोजन सत्रवार किया गया. सभी देशों से जुड़े हुए सामाजिक कार्यकर्ता एवं पर्यावरण वैज्ञानिकों को अपने अपने देश के बारे में बताने के लिए एक एक सत्र का समय दिया गया जो कि कुल पंद्रह मिनट का था.
प्रथम सत्र में डॉ. मिश्रा द्वारा पर्यावरण के विषय पर अपनी बातों को सभी के समक्ष रखा गया. द्वितीय सत्र में बीआरसी अध्यक्ष (SCWI) डॉ. तोशेन्द्र द्विवेदी, महासचिव डॉ. विश्वंभर सिंह, आल इंडिया जनरल सेक्रेटरी, एनएमओ, एसोसिएट प्रोफेसर आईएमएस, बीएचयू ने अपने देश के पर्यावरण के संस्कृति के बारे में बताया. तृतीय सत्र में डॉ. रवि पोखरना, सीईओ, रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज - दिल्ली विश्वविद्यालय भारत के एच. ई. ए.एम.बी. प्रो. डॉ एलिज़ाबेथ, डारेक्टर यस यू कैन इंटरनेशनल, यूनाइटेड किंगडम ने विश्व के लोगों के सामने अपने देश के पर्यावरण के बारे में उसके तत्कालीन हालात, इसके निदान और आने वाली समस्याओं के बारे में विस्तार पूर्वक बताया.
चौथे सत्र में डॉ. दातो मैरिएट्टा, रिफॉर्मदो, राजदूत, यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड पीस एसोसिएशन, अध्यक्ष मलेशिया ने भी बहुत विस्तार पूर्वक अपनी बातों को अपने देश के पर्यावरण के बारे में बताया. पाँचवे सत्र में डॉ. क्रिस सोटिरोपोलोस, एमडी, मेनस्टेज इनक्यूबेटर ,सीईओ जीओसी, ऑस्ट्रेलिया से विश्व के पर्यावरण में कैसे सुधार किया जाय इस विषय पर सभी से परिचर्चा की.
छठे सत्र में बक्सर जिले से जुड़े, कार्यालय कर्मी, सुधीर कुमार, सुनील कुमार, एवं सुन्दरम कुमार, पारा विधिक स्वम सेवक, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, बक्सर की बारी आई. जिसकी अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक, युवा एवं खेल मंत्रालय भारत सरकार के तहत जननायक कर्पूरी ठाकुर विधि माहविद्यालय, बक्सर, बिहार के राष्ट्रीय सेवा योजना के टीम लीडर सुन्दरम कुमार ने की. उन्होंने अपनी बातों को संक्षिप्त शब्दों में रखा. उन्होंने कहा कि आज इस मंच पर हम लोगों के आने का उद्देश्य एक ही है कि पर्यावरण को कैसे संतुलित किया जाए. इसी के तहत आज हम लोग पूरे विश्व के 65 देशों के लोग एक दूसरे से जुड़े हुए हैं. हमें जहां तक लगता है कि आज जिस तरह हम अपने - अपने स्वार्थ सिद्धि के लिए पूरे विश्व में पेड़ों की कटाई कर रहे हैं, जंगलों को काट रहे हैं, उसमें रह रहे जीव जंतु के परवाह किए बिना अंधाधुन पेड़ को काट रहे हैं. इससे हमारी धरती पर जीवन रक्षक गैस ऑक्सीजन की कमी हो रही है और इसी स्वार्थ सिद्धि ने हम सभी को इस महामारी में झोंक दिया. इसके इतर इस महामारी ने भी हम सभी को यह सिखा दिया कि, बिना पेड़ पौधों के मनुष्य के जीवन धरती पर असंभव है. उसी तरह हमें भी समझना चाहिए कि उस जंगल के पशु पक्षी का जो घर हम लोग उजाड़ देते हैं। आज उनका भी जीना इस धरती पर मुश्किल हो गया है. आज हमें ऑक्सीजन खरीदना पड़ रहा है. इसका जब तक हम लोग अपने आप में सुधार नही करेंगे तब तक हमें इसी तरह महामारी का शिकार होते रहना पड़ेगा. पेड़ हमारे लिए जीवन है.इस धरती को बचाने में उसका बहुत बड़ा योगदान है. उसे हमको अपना समझना पड़ेगा तभी आगे चलकर इस धरती पर जीने का अधिकार हमें होगा. इसलिए इस पर्यावरण दिवस के अवसर पर पूरे विश्व के लोगों से हमें गुजारिश करेंगे जो जहां है, जैसे हैं, जिस हालात में हैं, पेड़ को अधिक से अधिक लगाएं। जलीय जीवों की रक्षा करें. नदी की रक्षा करें और इस धरती पर जीने का अपना अधिकार हमेशा के लिए संभव बनाएं .
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