चर्चा में टाटा इंस्टिच्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुबंई के प्रोफेसर डा. विजय राघवन द्वारा 'पुनर्वास से संबंधित अंतर विभागीय समन्वय समिति में प्रोबेशन पदाधिकारी की भूमिका' पर विस्तृत रूप से परिचर्चा की गई. बिहार सरकार के गृह सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा प्रोबेशन का प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन पत्रिका का ऑनलाईन विमोचन एवं प्रक्षेत्रीय जिला प्रोबेशन कार्यालय, दरभंगा के नये भवन का उद्घाटन किया गया.
- प्रोबेशन दिवस के अवसर पर कारा एवं सुधार विभाग के द्वारा आयोजित हुआ था कार्यक्रम
- हर वर्ष 15 जून को मनाया जाता है प्रोबेशन दिवस
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: बिहार सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान के द्वारा प्रोबेशन दिवस के मौके पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया. इस दौरान वर्तमान में परिप्रेक्ष्य में अपराधिक न्याय एवं किशोर न्याय प्रणाली में प्रोवेशन पदाधिकारियों की महती भूमिका व्यापक चर्चा की गयी.
इस बारे में जानकारी देते हुए प्रोबेशन पदाधिकारी पूनम रानी ने बताया कि, अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, 1958 के तहत बिहार अपराधी परिवीक्षा नियमावली बिहार राज्य में 15 जून 1959 को लागू हुई थी. वर्तमान महानिरीक्षक कारा एवं सुधार सेवा मिथिलेश मिश्र की परिकल्पना के कारण बिहार में विगत तीन वर्षों से प्रत्येक वर्ष 15 जून को प्रोबेशन दिवस मनाया जा रहा है. बिहार सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान (बीका), हाजीपुर, वैशाली द्वारा वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें बिहार राज्य के सभी प्रोबेशन कार्यालयों के पदाधिकारियों सहित पाँच राज्यों दिल्ली, केरल, झारखण्ड, तेलंगाना एवं चेन्नई के प्रोबेशन पदाधिकारियों ने एक स्वस्थ परिचर्चा में भाग लिया.
चर्चा में टाटा इंस्टिच्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुबंई के प्रोफेसर डा. विजय राघवन द्वारा 'पुनर्वास से संबंधित अंतर विभागीय समन्वय समिति में प्रोबेशन पदाधिकारी की भूमिका' पर विस्तृत रूप से परिचर्चा की गई. बिहार सरकार के गृह सचिव जितेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा प्रोबेशन का प्रथम वार्षिक प्रतिवेदन पत्रिका का ऑनलाईन विमोचन एवं प्रक्षेत्रीय जिला प्रोबेशन कार्यालय, दरभंगा के नये भवन का उद्घाटन किया गया. लोक नायक जयप्रकाश नारायण राष्ट्रीय अपराध शास्त्र एवं विधि विज्ञान संस्थान, नई दिल्ली की सेवानिवृत प्रोफेसर डा. शुभ्रा सान्याल द्वारा विचलन एवं अपराधिक व्यवहार के नियंत्रण एवं प्रबंधन में प्रोबेशन पदाधिकारी की भूमिका पर चर्चा की गई. वेबिनार में कारा महानिरीक्षक मिथिलेश मिश्र, संयुक्त सचिव सह निदेशक प्रोबेशन चर्या एवं कारा रजनीश कुमार सिंह, निदेशक प्रोबेशन चर्या कारा एवं सुधार विभाग, रामसुरेश प्रसाद साह के द्वारा भी अपने विचारों को साझा किया गया एवं वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अपराधिक न्याय एवं किशोर न्याय प्रणाली में प्रोबेशन पदाधिकारियों की महती भूमिका पर व्यापक चर्चा की गयी. इस वेबिनार का धन्यवाद ज्ञापन बंदी कल्याण पदाधिकारी , कारा एवं सुधार सेवा जय प्रकाश दास के द्वारा किया गया.
वक्ताओं ने बताया कि, अपराध को सदाचरण के आश्वासन के आधार पर न्यायालय द्वारा मुक्ति प्रदान किया जाना ही परिवीक्षा (प्रोबेशन) है. प्रोबेशन प्रणाली प्रथम अपराधी को अभ्यासित अपराधी बनने से रोकने एवं उक्त अपराधी को परिष्कृत कर समाज के हित में उसकी उपादेयता को सुनिश्चित करते हुए उसका सामाजिक समायोजन की बात कहती है. इसके प्रभावकारी उपयोग से काराओं में प्रर्याप्त जनकीर्णता की स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है. सरकारी खर्च में भी कमी आती है. प्रोबेशन एक चिकित्सीय उपचार भी है जिसमें अपराध की मूल प्रवृतियों को बदला जा सकता है और एक अपराधी को परिवार, समाज में पुर्नस्थापित किया जाता है. जिला प्रोबेशन कार्यालय, बक्सर से प्रधान प्रोबेशन पदाधिकारी पूनम रानी एवं प्रोबेशन पदाधिकारी सुल्ताना फिरदौस ने भाग लिया. इस अवसर पर जिला प्रोबेशन कार्यालय में पौधा रोपण किया गया.
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