कलक्टर ने भरी जेठ में दिखाया उल्लू, अब क्या सावन में गधे की बारी??

सात निश्चय योजना के तहत नल जल का पानी लोगों को मिले या ना मिले सूबे के मुखिया तक यह बात पहुंच गई है कि, 95 फीसद लोगों को नल का शुद्ध जल मिल रहा है जबकि, एक कटु सत्य यह भी है कि पिछले 3 साल से चल रही शहरी जलापूर्ति योजना "अमृत" नगर के 34 वार्ड में ही पूरी नहीं हो सकी है. और तो और टूटी हुई सड़कें जस की तस दुर्घटनाओं को खुला निमंत्रण देती नजर आ रही हैं.
डीएम के द्वारा किया गया ट्वीट







बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: कहते हैं, "हर शाख पर उल्लू बैठा है अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा?" लगता है आज इस बात से हमारे जिला पदाधिकारी काफी चिंतित हैं. उनकी यह चिंता उनके ट्विटर  पोस्ट से दिखी ट्विटर पर उन्होंने उल्लू और मानसून शीर्षक से एक पोस्ट डाला. ऐसा भी लगता है कि डीएम अमन समीर मौसमी विज्ञानी है. ऐसे में एक सवाल यह भी उठता है कि, कौन उल्लू बना? अथवा किसने उल्लू बनाया? क्योंकि यह बात भी सत्य है कि बक्सर में मौसमी उल्लुओं की भरमार है. इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि, प्रशासन को कई बगुला भगत उल्लू बना रहे हैं. प्रशासन भी लोक सेवा और लोक कल्याण के नाम पर लगभग उल्लू ही बनाता है. उदाहरण स्वरूप सात निश्चय योजना के तहत नल जल का पानी लोगों को मिले या ना मिले सूबे के मुखिया तक यह बात पहुंच गई है कि, 95 फीसद लोगों को नल का शुद्ध जल मिल रहा है जबकि, एक कटु सत्य यह भी है कि पिछले 3 साल से चल रही शहरी जलापूर्ति योजना "अमृत" नगर के सभी 34 वार्ड में ही पूरी नहीं हो सकी है. और तो और टूटी हुई सड़कें जस की तस दुर्घटनाओं को खुला निमंत्रण देती नजर आ रही हैं. 
नगर के एक नागरिक के द्वारा किया गया ट्वीट


सदर अस्पताल में वेंटिलेटर तो है लेकिन, केवल शोभा की वस्तु बनकर, संचालन के लिए नहीं ! अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे मशीन तथा आरटीपीसीआर मशीन भी लोगों को केवल उल्लू बनाने के लिए रखी हुई हैं. बात शिक्षा की करें तो जिले के किसी उच्च विद्यालय और महाविद्यालय में ना सही ढंग से पढ़ाई होती है और ना ही प्रायोगिक परीक्षा लेकिन, आश्चर्य की बात यह है कि मैट्रिक और इंटर की परीक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में भी सभी छात्र अव्वल आ रहे हैं. अब ऐसे में कौन किसको उल्लू बना रहा है यह बात बिल्कुल ही समझ से परे है. बहरहाल, कलक्टर ने भरी जेठ में उल्लू दिखा दिया है. ऐसे में अब यह उम्मीद की जा सकती है कि वहां सावन में गधा जरूर दिखाएंगे.










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