वीडियो: बढ़ती महंगाई पर जनता की आवाज़ बने डुमरांव विधायक, सड़क पर उतर किया विरोध प्रदर्शन ..

कहा कि, बेतहाशा मूल्य वृद्धि के मुख्य कारण सरकार द्वारा उत्पादों पर लगाया गया अभूतपूर्व टैक्स है. अभी सरकार पेट्रोल पर 60 और डीजल पर 54 प्रतिशत टैक्स ले रही है.जहां तक सरसो तेल का सवाल है 2013 -14 में 78.77 लाख टन की तुलना में 2020-21 में 104.87 लाख टन सरसो का उत्पादन हुआ. सरकार यह बताए कि जब उत्पादन बढ़ रहा है तब फिर सरसो तेल की कीमत 200 के पार क्यों पहुंच गई? जबकि, 2014 में सरसों तेल की कीमत 100 के नीचे थी.






- वामदलों के आह्वान परसड़क पर उतरे वाम दलों के नेता, किया जमकर विरोध 
- कहा, आवश्यक वस्तुओं व दवाओं के मूल्य को नियंत्रित करो

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोविड के महामारी भरे दौर में कमरतोड़ महंगाई के खिलाफ राष्ट्र व्यापी विरोध प्रदर्शन के तहत बक्सर में वामदल के संयुक्त बैनर से विरोध प्रदर्शन  निकाला गया. विरोध मार्च बक्सर रेलवे स्टेशन से निकलकर मेन रोड होते हुए ज्योति प्रकाश चौक पहुंचा. ज्योति प्रकाश चौक पर पहुंचकर मार्च सभा मे तब्दील हो गया. मार्च के दौरान कार्यकर्ता पेट्रोल डीजल तथा रसोई गैस के साथ बढ़ती बेतहाशा महंगाई के खिलाफ गुस्से में दिखे व आक्रोशपूर्ण नारे लगाते दिखे. 


ज्योति चौक पर आयोजित सभा को डुमरांव के युवा विधायक सह माले राज्य कमिटी के नेता अजीत कुमार सिंह, पूर्व सांसद तेजनारायण सिंह, भाकपा माले के बक्सर जिला सचिव नवीन कुमार, सीपीआई के जिला सचिव बालक दास, सीपीएम के जिला सचिव भगवती प्रसाद ने सम्बोधित किया. वक्ताओं ने कहा कि कोविड के तबाही भरे दौर में जनता की क्रय शक्ति बढ़ाने के बजाये मोदी सरकार ने पेट्रोल डीजल व आवश्यक वस्तुओं की कीमत को लगातार बढ़ाकर उनके जीवन को और भी गहरे संकट में दाल दिया है 2 मई 2021 को आए विधानसभा चुनाव परिणाम से लेकर अबतक इस सरकार ने कम से कम 21 बार पेट्रोलियम पदार्थों का दाम बढ़ाया है, हालत यह है कि डीजल और पेट्रोल की कीमत 105 रुपये ही चुकी है जबकि, डीजल के कीमत बढ़ने से सीधे महंगाई बढ़ती है. सरसो तेल का कीमत भी 200 के पार कर रही है. खाद्य पदार्थों के मूल्य में अप्रैल महीने में 5 प्रतिशत प्राथमिक स्तर के वस्तुओं के मूल्य में भी वृद्धि गई है.पेट्रोलियम पदार्थों की कीमत बढ़ाने के पीछे सरकार अंतरराष्ट्रीय मूल्य वृद्धि का बोगस तर्क देते रहती है क्योंकि, 2008 में जब कच्चे तेल की कीमत अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 147 रुपये डॉलर प्रति बैरल थी तब हमारे देश मे पेट्रोल की कीमत 45 रुपये प्रति लीटर थी आज जब अंतरराष्ट्रीय कीमत महज 61 डॉलर प्रति बैरल है तो हमारे देश में कीमत 100 के पार हो गई है. 



उन्होंने कहा कि, बेतहाशा मूल्य वृद्धि के मुख्य कारण सरकार द्वारा उत्पादों पर लगाया गया अभूतपूर्व टैक्स है. अभी सरकार पेट्रोल पर 60 और डीजल पर 54 प्रतिशत टैक्स ले रही है.
जहां तक सरसो तेल का सवाल है 2013 -14 में 78.77 लाख टन की तुलना में 2020-21 में 104.87 लाख टन सरसो का उत्पादन हुआ. सरकार यह बताए कि जब उत्पादन बढ़ रहा है तब फिर सरसो तेल की कीमत 200 के पार क्यों पहुंच गई? जबकि, 2014 में सरसों तेल की कीमत 100 के नीचे थी.

सभा के बाद समाहरणालय जाकर जिला पदाधिकारी को वामदल के तरफ से एक संयुक्त मांग पत्र दिया गया इस कार्यक्रम में हरेन्द्र राम, वीरेंद्र सिंह, जगनारायण शर्मा, बीरेंद्र यादव, ललन प्रसाद, अयोध्या सिंह, संजय शर्मा, धर्मेन्द्र यादव, धनजी पासवान, कन्हैया पासवान, वीर बहादुर पासवान, रेखा देवी, रामदेव सिंह, जितेंद्र राम, बिमल कुमार, नीरज यादव, कृष्णा राम, महफूज आलम, भदेसर साह, लक्की जायसवाल इत्यादि लोग शामिल थे.

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