ये कैसी शिक्षा? .. बच्चे को हाथ में रुपये देकर बार-बालाओं के साथ नाचने को मजबूर कर रहे अभिभावक ..

यह वीडियो कहीं ना कहीं समाज में घुल चुके अश्लीलता के जहर को सामने लाकर रख देता है. बच्चों के सामने अब तक अभिभावक अमर्यादित आचरण करते नजर आते थे लेकिन, अब बच्चों को इस तरह का आचरण सिखाया जाना कहीं ना कहीं सभ्य समाज के मुंह पर जोरदार तमाचा है.






- सिमरी थाना क्षेत्र स्थानीय गांव से वायरल वीडियो में दिखी बदलते भारत की तस्वीर
- बच्चों के सामने किया जा रहा अश्लीलता का प्रदर्शन, उन्हें भी बाध्य कर रहे अभिभावक


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "ना हिंदू बनेगा न मुसलमान बनेगा, इंसान की औलाद है इंसान बनेगा .." हिंदी फिल्म यह गाना उस वक्त और भी प्रासंगिक हो जाता है, जब सिमरी प्रखंड के स्थानीय गांव में जन्मदिवस की पार्टी में एक बच्चे को जबरदस्ती बार बालाओं के साथ नृत्य करने को मजबूर किया जाता है. इतना ही नहीं बच्चे को बार बालाओं पर रुपये उड़ाने की भी बात अभिभावकों के द्वारा कही जाती है. बच्चा कुछ हिचकिचाता है लेकिन, अभिभावक अंततः उसे बाध्य कर देते हैं कि वह हाथ में रुपये लेकर बार बालाओं के साथ डांस करें. वहीं, दूसरी तरफ उस बच्चे के दोस्त तथा अन्य हम उम्र बच्चे सामने बैठकर यह नजारा अपनी आंखों के सहारे अपने दिमाग में उतार रहे होते हैं. 




बदलते भारत की यह सच्ची तस्वीर है लेकिन, यह तस्वीर हमारे बच्चों के भविष्य के लिए कितनी खौफनाक साबित हो सकती है शायद हमें इसका अंदाजा भी नहीं. सिमरी से जो वीडियो वायरल हुआ है यह वीडियो कहीं ना कहीं समाज में घुल चुके अश्लीलता के जहर को सामने लाकर रख देता है. बच्चों के सामने अब तक अभिभावक अमर्यादित आचरण करते नजर आते थे लेकिन, अब बच्चों को इस तरह का आचरण सिखाया जाना कहीं ना कहीं सभ्य समाज के मुंह पर जोरदार तमाचा है.


बाल कल्याण समिति के सदस्य नवीन पाठक बताते हैं कि, बच्चों में ग्रहण करने की प्रवृत्ति बहुत तेज होती है. वह समाज में जैसा देखते हैं वैसा ही सीखते हैं. ऐसे में ना सिर्फ बच्चों का विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता होती है बल्कि, बच्चा किन लोगों की संगत में है इस पर भी विशेष नजर रखने की आवश्यकता है. सिनेमा और टीवी ने पहले ही सामाजिक परिवेश को बिगाड़ कर रखा है. ऐसे में अभिभावकों को जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है.


बाल कल्याण समिति के सदस्य तथा किशोर न्याय परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. शशांक शेखर का कहना है कि, सिमरी में जिस तरह से बच्चे को अश्लीलता के लिए उकसाया जा रहा है इस तरह के मामलों में प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड ऑफेंस (पोक्सो) एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने का प्रावधान है. दूसरी तरफ इस तरह का कृत्य समाज में विकृति लाने वाला है. ऐसे लोगों सामाजिक तौर पर भी बहिष्कार होना चाहिए.

वीडियो: 









Post a Comment

0 Comments