वीडियो: इंजीनियरों की काबिलियत पर सवाल: 14.36 करोड़ की नवनिर्मित सड़क पर भारी जलजमाव ..

ऐसा लग रहा था कि इस निर्माण के बाद स्टेशन रोड की काया पलट जाएगी लेकिन, इस निर्माण के शुरुआत से ही ना सिर्फ गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे बल्कि, निर्माण हो जाने के बाद भी कुछ इस तरह की स्थितियां बनी हुई हैं जिनके कारण ना सिर्फ दुर्घटनाएं खुला निमंत्रण देती नजर आती हैं बल्कि, इस सड़क के जल्द ही ध्वस्त होने की बात भी साफ़ हो जाती है.





- नवनिर्मित सड़क पर कई जगह जलजमाव दिखा रहा व्यवस्था की असली तस्वीर
- निर्माण की गुणवत्ता को लेकर शुरुआत से ही उठ रहे थे सवाल


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: जिले में सभी व्यवस्थाएं लचर-पचर हो गई हैं. यहां योजनाओं की स्वीकृति तक की मॉनिटरिंग तो खूब होती है लेकिन, उनके कार्यान्वयन तथा बाद की स्थिति पर कोई गौर नहीं करता. नतीजा यह होता है कि प्रति वर्ष नागरिक सुविधाओं की बेहतरी के हवाला देकर करोड़ों रुपयों के खर्च के बाद भी नागरिकों का जीवन नारकीय बना रह जाता है. बक्सर नगर में ऐसे अनेकों उदाहरण मिल जाएंगे जिन्होंने लोगों के जीवन को नारकीय बना दिया है. चाहे वह शहरी जलापूर्ति के लिए खोदी गई सड़क हो नाला निर्माण अधूरा होने के कारण जल निकासी ना हो पाना. सभी समस्याएं लोगों को डराती रहती हैं. 

आज हम बात करेंगे बक्सर के स्टेशन रोड की. इस सड़क के निर्माण के लिए 14.36 करोड़ रुपये खर्च किए गए. बताया गया कि विश्वस्तरीय गुणवत्ता युक्त सड़क का निर्माण किया जा रहा है. ऐसा लग रहा था कि इस निर्माण के बाद स्टेशन रोड की काया पलट जाएगी लेकिन, इस निर्माण के शुरुआत से ही ना सिर्फ गुणवत्ता पर सवाल उठते रहे बल्कि, निर्माण हो जाने के बाद भी कुछ इस तरह की स्थितियां बनी हुई हैं जिनके कारण ना सिर्फ दुर्घटनाएं खुला निमंत्रण देती नजर आती हैं बल्कि, इस सड़क के जल्द ही ध्वस्त होने की बात भी साफ़ हो जाती है. 

दरअसल, तकरीबन 2 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के दौरान सड़क की लेबलिंग कुछ इस प्रकार की गई है कि, बारिश के बाद सड़क पर लगने वाला पानी किनारे बनी नालियों से कभी निकल ही नहीं सकता. ऐसे में सड़क पर भीषण जल जमाव की स्थिति बन गई. इतना ही नहीं लेबलिंग सही नहीं होने के कारण तकरीबन 14 से 15 जगहों पर जलजमाव भी नजर आता है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि, यहां केवल सरकारी पैसे का दुरुपयोग हुआ है. मजे की बात तो यह है कि कई बार अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराने के बावजूद इस पर कोई पहल नहीं की जा रही. साथ ही साथ सड़क के बीचो-बीच बने डिवाइडर जिन पर डीएम ने भी टेढ़े मेढ़े होने की बात कहते हुए सुधारने की बात की थी, उसको भी अब तक ठीक नहीं किया जा सका है.

इंजीनियरों की काबिलियत पर उठ रहे सवाल:

स्टेशन रोड के रहने वाले जीतेश दूबे बताते हैं कि सड़क के किनारे बने नालियों वह कुछ इस तरह बनाया गया है कि उस उसमें सड़क का पानी कभी जा ही नहीं सकता ऐसे में सड़क के दोनों तरफ भारी जलजमाव हो गया है. कोइरपुरवा मोहल्ले के रहने वाले ज्ञानचंद कुमार बताते हैं कि ज्योति प्रकाश चौक, अम्बेडकर चौक से लेकर रेलवे स्टेशन और पुलिस चौकी तक कई जगहों पर सड़कों के बीचों-बीच जल जमाव हुआ है. यह जलजमाव पथ निर्माण से जुड़े इंजीनियरों की काबिलियत की भी पोल खोल रहा है.

मामले में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता भरत लाल ने पूर्व में जहां व्यवस्था को सुधारने की बात कही थी वही अब वह फोन उठाने से भी कतरा रहे हैं.

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