नावानगर में उद्योग के नाम पर ठगी करने वाली आम्रपाली बायोटेक के निदेशकों पर सीबीआई ने दर्ज कराई 47.97 करोड़ गबन की प्राथमिकी ..

अधिकारियों ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर एजेसी ने सुनील कुमार, सुधीर कुमार चौधरी, रामविवेक सिंह, सीमा कुमारी, सुनीता कुमार के विरूद्ध भी मामला दर्ज किया. संबंधित बैंक मूल रूप से ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स था जिसका एक अप्रैल 2020 को पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो गया.





- जांच के दौरान सीबीआई ने सही पाया गबन का आरोप
- तत्कालीन ओरिएंटल बैंक से लिए गए थे रुपये
- सीबीआई ने कहा, जांच में साफ हुई गलत मंशा


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 47.97 करोड़ रूपये की कथित धोखाधड़ी को लेकर आम्रपाली बायोटेक और उसके निदेशकों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज की है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अधिकारियों ने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर एजेसी ने सुनील कुमार, सुधीर कुमार चौधरी, रामविवेक सिंह, सीमा कुमारी, सुनीता कुमार के विरूद्ध भी मामला दर्ज किया. संबंधित बैंक मूल रूप से ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स था जिसका एक अप्रैल 2020 को पंजाब नेशनल बैंक में विलय हो गया.

सीबीआई प्रवक्ता आर सी जोशी ने यहां कहा कि “आरोप है कि उक्त निजी कंपनी एवं उसके निदेशकों ने 47.97 करोड़ रूपये के कर्जे के साथ हेराफेरी की थी जबकि यह राशि बिहार के बक्सर जिले के नावानगर तथा नालंदा जिले के राजगीर में जैम, सॉस, अचार, कोर्नफ्लैक्स आदि खाद्य उत्पादों के उत्पादन के लिए इकाइयां लगाने के लिए मंजूर कर दी गयी थी. कंपनी एवं उसके निदेशकों की मंशा बैंक को ठगना एवं सरकारी धन को हड़पना थी. " 

प्रवक्ता ने कहा कि बैंक को 35.25 करोड़ एवं उस पर ब्याज राशि का नुकसान हुआ और उसे एक जुलाई 2016 को गैर निष्पादित संपत्ति घोषित किया किया था. उन्होंने कहा, 'आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गयी जिससे कुछ अभियोजनयोग्य कागजात मिले हैं.  यह बता दें कि सीबीआई की टीम ने नावानगर पहुंच कर भी आम्रपाली ग्रुप के नवानगर में बंद पड़े जैम, सॉस व कॉर्नफ्लेक्स उद्योग परिसर की सघन तलाशी ली थी.








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