व्यवहार न्यायालय के प्रतिलिपि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की अधिवक्ता ने की जिला जज से शिकायत ..

व्यवहार न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता राजू कुमार ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर व्यवहार न्यायालय के प्रतिलिपि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की है. उन्होंने बताया है कि व्यवहार न्यायालय के प्रतिलिपि विभाग में बाजाप्ता नकल निकालने की कोई एकीकृत व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण प्रतिलिपि विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. 





- व्यवहार न्यायालय में बतौर अधिवक्ता काम करते हैं राजू कुमार
- बताया, प्रतिलिपि विभाग में कार्यरत कर्मी करते हैं मनमानी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: व्यवहार न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता राजू कुमार ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश को पत्र लिखकर व्यवहार न्यायालय के प्रतिलिपि विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार की शिकायत की है. उन्होंने बताया है कि व्यवहार न्यायालय के प्रतिलिपि विभाग में बाजाप्ता नकल निकालने की कोई एकीकृत व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण प्रतिलिपि विभाग भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है. 

उन्होंने बताया कि नकल के लिए किसी को पहले याचिका जमा करनी पड़ती है. जिसके लिए नाजायज रुपये देने पड़ते हैं. उसके बाद ही याचिका संबंधित न्यायालय में जमा करायी जाती है. जहां याचिकाकर्ता को पुनः न्यायालय में 50 रुपये देकर अभिलेख की प्रतिलिपि विभाग में भिजवानी पड़ती है, यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो याचिका वहीं पड़ी रहती है. इसके बाद प्रतिलिपि विभाग में प्रतिलिपि तैयार करने के लिए मनमाना रुपया देना पड़ता है. यहां 20 रुपये प्रति पृष्ठ के हिसाब से पैसे लिए जाते हैं. पूछने पर विभाग प्रमुख व अन्य कर्मी धमकी देते हैं कि स्वयं फोटो स्टेट करा लाइए और टिकट खरीदकर लगाइए. ऐसे में सवाल यह उठता है कि मशीन विभाग की है अथवा किसी निजी व्यक्ति की? 

उन्होंने पूछा कि यह कैसा नियम है कि अधिवक्ता टिकट स्वयं खरीद कर लाएंगे, चिपकाएंगे और चपरासी किरानी बैठे रहेंगे. आखिर इनकी नियुक्ति किस लिए की गई है? उन्होंने बताया कि उन्होंने 7 जुलाई को एक याचिका दाखिल की थी. साथ ही प्रतिलिपि विभाग में 100 रुपये जमा जमा भी किया. बावजूद इसके उनसे 200 रुपये अतिरिक्त मांगा जा रहा था. ऐसे में उन्होंने न्यायाधीश से प्रतिलिपि विभाग के विरुद्ध उचित कार्रवाई करने का विरोध किया है.








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