संक्रमण काल मे यात्री किराए की मनमानी वृद्धि बनी दोहरी परेशानी का कारण ..

न सिर्फ बाइक व कार जैसे निजी वाहनों के चालकों की जेबों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है बल्कि, व्यवसायिक वाहनों के किराए में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. या यूं कहें कि व्यावसायिक वाहन स्वामी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए किराए में मनमानी वृद्धि कर दी है. 




- डीजल के दामों में वृद्धि से लेकर यात्रियों की क्षमता में कमी का  हवाला दे रहे संचालक
- 2 साल से नहीं तय किया गया है किसी भी रूट का किराया

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने के साथ-साथ न सिर्फ बाइक व कार जैसे निजी वाहनों के चालकों की जेबों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है बल्कि, व्यवसायिक वाहनों के किराए में भी अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. या यूं कहें कि व्यावसायिक वाहन स्वामी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का हवाला देते हुए किराए में मनमानी वृद्धि कर दी है. ऐसे में संक्रमण काल में कई तरह की आर्थिक परेशानियां झेलने वाले लोगों के ऊपर अब महंगाई की दोहरी मार पड़ रही है.

बताया जा रहा है कि वर्ष 2018 के बाद यात्री किरायों के निर्धारण का कार्य जिला स्तर पर नहीं किया गया है. ऐसे में छोटी दूरी से लेकर लंबी दूरी तक के यात्रियों को वाहन संचालकों के द्वारा बताए जा रहे किराए के अनुसार ही भुगतान करना पड़ता है. यह किराया भी बेहद मनमाना है.


लंबी दूरी की गाड़ियों का किराया हुआ दोगुना:

बक्सर में अपनी दुकान चलाने वाले मोहन तिवारी बताते हैं कि अपने पैतृक गांव बलिया जाने के लिए उन्हें आजकल 150 रुपये किराया चुकाना पड़ रहा है जबकि, पिछले वर्ष यह किराया केवल 80 रुपये था. पूछे जाने पर वाहन संचालक कोई स्पष्ट जवाब नहीं देते. दूसरी तरफ बक्सर से रांची, टाटा और बोकारो जाने के लिए भी लिए जाने वाले भाड़े में तकरीबन 2 गुना तक की वृद्धि कर दी गई है. पहले जहां रांची के लिए 400 रुपये तक का किराया देना पड़ता था वहीं, अब यह किराया बढ़ कर 800 रुपये हो गया है. टाटा और बोकारो जाने के लिए 600 और 500 रुपये की जगह 900 रुपये तक का भुगतान यात्रियों को करना पड़ रहा है.


लोकल भाड़ा भी बढ़ा, छोटे व्यापारियों की बढ़ी परेशानी:

जिले में एक जगह से दूसरी जगह की बात करें तो जिला मुख्यालय से चौसा जाने के लिए जहां पहले 10 देने पड़ते थे वहीं अब 20 से 25 रुपये का किराया लिया जा रहा है जबकि, राजपुर का किराया बस और जीप में क्रमशः 20 और 25 रुपये से बढ़ कर 40 और 50 रुपये हो गया है. इटाढ़ी के लिए 10 रुपये की जगह 20 रुपये किराए का भुगतान करना पड़ता है. राजपुर के रहने वाले व्यवसाई योगेंद्र कुमार बताते हैं कि 12 बढ़ने से मुख्यालय आने जाने वाले छोटे व्यवसायियों को काफी परेशानी हो रही है मान लीजिए दिन में अगर दो बार जाना हो तो 200 रुपये का किराया खर्च हो जा रहा है पहले यह खर्च लगभग आधा होता था।  उधर, नगर के अंदरूनी इलाकों में किराए में वृद्धि एक कोई बात सामने नहीं आई है. बताया जा रहा है कि नगर में ई-रिक्शा संचालन के कारण यहां बारे में कोई खास वृद्धि नहीं हुई है. स्टेशन से गोलम्बर तक की यात्रा में 10 की जगह 15 रुपये का भुगतान करना पड़ रहा है.

कहीं नहीं चस्पाय गया है रेट लिस्ट:

अधिवक्ता सह सामाजिक कार्यकर्ता अश्विनी कुमार वर्मा बताते हैं कि, यात्री किराया मनमाने ढंग से बढ़ा है. बस स्टैंड, ऑटो स्टैंड में रेट लिस्ट नहीं चस्पाया गया है ऐसे में वाहन संचालक मनमाना किराया वसूल रहे हैं. बलिया निवासी वेब डेवलपर मिथिलेश कुमार सिंह बताते हैं कि किराए में वृद्धि का सीधा प्रभाव आम आदमी पर पड़ा है. संक्रमण काल में लोगों की हालत ऐसे ही बेहाल हुई है. भाड़ा बढ़ने से स्थिति और भी दुखदाई हो गई है.

वाहन संचालक बता रहे अपनी परेशानी:

बाज़ार समिति निवासी ट्रांसपोर्टर दिनेश कुमार का कहना है कि, डीजल की कीमतों में लगभग 2 गुणा वृद्धि पिछले 1 साल के अंदर हुई है 54 रुपये लीटर तक मिलने वाला डीजल अब 100 रुपये के करीब पहुंच गया है. ऐसे में यात्री किराया बढ़ाना मजबूरी है. इसके अतिरिक्त संक्रमण काल में भी यात्रियों की संख्या कम करने के कारण भी किराया बढ़ाना पड़ रहा है. यूपी तथा झारखंड में जाने पर लॉकडाउन के कारण लगाई गई बंदिशों की वजह से यात्रियों की संख्या भी सीमित रखनी पड़ रही है.

कहते हैं अधिकारी:

वाहन किराए का निर्धारण 2018 में हुआ था. उसके बाद किराए का निर्धारण नहीं हो सकता है लेकिन, जल्द ही किराए का निर्धारण भी किया जाएगा.

मनोज रजक
जिला परिवहन पदाधिकारी










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