दो दिवसीय किसान वैज्ञानिक वार्तालाप का शुभारम्भ, खेती की उन्नत तकनीक से अवगत हुए किसान ..

कहा कि, खेतों में संतुलित उर्वरक के प्रयोग से आर्थिक लागत में कमी के साथ पैदवार में बढ़ोतरी होगी. केविके के पौधा संरक्षण विशेषज्ञ रामकेवल द्वारा खरीफ मौसम में उत्पन्न कीट-व्याधि से निजात हेतु जानकारी दी गई. 





 - संयुक्त कृषि भवन में हुआ कार्यक्रम का आयोजन 
- जिला कृषि पदाधिकारी समेत आत्मा तथा केविके के पदाधिकारियों ने दी जानकारियां

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सदर प्रखंड स्थित संयुक्त कृषि भवन के सभागार में दिन मंगलवार को दो दिवसीय किसान वैज्ञानिक वार्तालाप का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन जिला कृषि पदाधिकारी-सह आत्मा परियोजना निदेशक मनोज कुमार, केविके के कार्यक्रम समन्वयक हरिगोविन्द जायसवाल तथा सहायक निदेशक (कृषि अभियंत्रण) प्रियंका कुमारी द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया. इस दौरान मंच संचालन प्रभारी उप परियोजना निदेशक विकास कुमार राय ने किया. किसानों को संबोधित करते हुए डीएओ मनोज कुमार ने कहा कि, कृषि विभाग की प्रत्येक योजना जीरो टालरेंस पर आधारित है. 

इसी कड़ी में यूरिया उर्वरक को 266 रुपये 50 पैसे पर बिक्री कराने हेतु विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है. इससे अधिक कीमत पर बिक्री करने वाले दुकानदार की अनुज्ञप्ति रदद कर कानूनी कारवाई की जाएगी. खरीफ मौसम में उत्पन्न सभी समस्याओ के समाधान हेतु किसान वैज्ञानिक वार्तालाप मील का पत्थर साबित होगी. केविके के वैज्ञानिक डॉ. देवकरण ने मृदा परिक्षण पर विस्तृत जानकारी दी. 

उन्होंने कहा कि, खेतों में संतुलित उर्वरक के प्रयोग से आर्थिक लागत में कमी के साथ पैदवार में बढ़ोतरी होगी. केविके के पौधा संरक्षण विशेषज्ञ रामकेवल द्वारा खरीफ मौसम में उत्पन्न कीट-व्याधि से निजात हेतु जानकारी दी गई. आगे उन्होंने बताया कि वर्तमान में धान फसल में तना छेदक प्रकोप की अत्यधिक समस्या आ रही है. इसके रोकथाम हेतु थायोमेथोक्साम 1%+क्लोरांटनिलिप्रोल 0.5% GR का प्रयोग ढाई किलोग्राम/ एकड़ की दर से कर सकते है. प्रभारी उप परियोजना निदेशक विकास कुमार राय ने आत्मा योजना के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी. वार्तालाप में आत्माकर्मी रघुकुल तिलक, चन्दन कुमार सिंह, दीपक कुमार, प्रगतिशील कृषक सूरज कुशवाहा, कन्हैया प्रसाद कोइरी, सुगन पासवान, धर्मशीला देवी, सुनीता देवी, पूजा देवी, देवंती देवी, सुमन कुमारी सहित अनेक कृषक उपस्थित थे.








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