मनरेगा में राज्य में पहले स्थान पर पहुंचा बक्सर ..

विगत मई माह में जहाँ ग्रामीण विभाग कार्य अर्जित मानव दिवस के लक्ष्य और उस पर हुए कार्यों के आकलन में राज्य स्तरीय रैंकिंग में जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था वहीं,  ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर मामूली अंकों की बढ़त के साथ पूर्वी चंपारण को राज्य में पहला स्थान प्राप्त हुआ था. इस दौरान बक्सर दूसरे स्थान पर था लेकिन जून में राज्य स्तरीय रैंकिंग में पूरे राज्य में अपने कार्य की बदौलत बक्सर जिले में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है. 

 






- मई में राज्य रैंकिंग में थोड़ी चूक से मिला था दूसरा स्थान 
- पहले पायदान पर रहा पूर्वी चंपारण फिसला 16वें नंबर पर
- जिले में रोजगार देने के मामले में सिमरी सबसे पीछे

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: कोरोना काल में आर्थिक संकट से जूझ रहे ग्रामीणों को मनरेगा के द्वारा रोजगार उपलब्ध कराया जाता है. अपने ही गांव में रोजगार हासिल कर कई प्रवासी श्रमिकों ने भी आर्थिक संकट दूर किया है. बक्सर जिला प्रशासन इस योजना पर खरा उतरने में बड़ी उपलब्धि हासिल कर चुका है. विगत मई माह में जहाँ ग्रामीण विभाग कार्य अर्जित मानव दिवस के लक्ष्य और उस पर हुए कार्यों के आकलन में राज्य स्तरीय रैंकिंग में जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था वहीं, ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर मामूली अंकों की बढ़त के साथ पूर्वी चंपारण को राज्य में पहला स्थान प्राप्त हुआ था. इस दौरान बक्सर दूसरे स्थान पर था लेकिन जून में राज्य स्तरीय रैंकिंग में पूरे राज्य में अपने कार्य की बदौलत बक्सर जिले में पहला स्थान प्राप्त कर लिया है. बताया जा रहा है कि प्रखंड स्तरीय मनरेगा पदाधिकारियों की विशेष सक्रियता के कारण ऐसा हो सका है. 

जिन प्रखंडों में बेहतर काम हुआ है उनमें इटाढ़ी मिले लक्ष्य से अधिक लक्ष्य प्राप्त कर जिले में अव्वल रहा है. वहीं, बक्सर, डुमरांव, व सिमरी प्रखंड जिले में सबसे निचले पायदान पर रहे हालांकि, राज्य स्तरीय मूल्यांकन में इस बार 64.84 फीसद ग्रेडिंग लाकर जिले में अव्वल रहा वहीं, पूर्वी चंपारण इस बार नीचे खिसक कर 16 वें स्थान पर पहुंच गया है जबकि, दूसरे स्थान पर किशनगंज जिला 63 फीसद अंक लाकर मौजूद है.

मानव दिवस सृजन तथा स्वास्थ्य में भुगतान के आधार पर होती है रैंकिंग:

बता दें कि, मनरेगा की रैंकिंग का प्रथम मानव दिवस सृजन व समय मजदूरों का भुगतान वहीं, मनरेगा में जल संरक्षण के कार्य, पौधरोपण के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मजदूरी भुगतान से किया जाता है. कोई योजना लेने के साथ उसे पूर्ण किया जाना भी रैंकिंग के लिए जरूरी होता है.

कार्य सृजन में लक्ष्य से 1 फीसद ज्यादा की उपलब्धि:

 ग्रामीण कार्य विभाग के रिपोर्ट के अनुसार जिले का मानव दिवस सृजित करने का लक्ष्य 10 लाख साढ़े 42 हज़ार कार्य दिवस था. मिले टारगेट से ऊपर जिले में 110 फीसद का लक्ष्य प्राप्त किया है वहीं, वर्कर टारगेट भी लक्ष्य से ऊपर रहा जबकि, मजदूरों का भुगतान सौ फीसद ससमय पूरा किया गया. जल संरक्षण के कार्य में भी जिला औसतन बेहतर रहा.

सृजित मानव दिवस के लक्ष्य में जिले में अव्वल रहा इटाढ़ी, बक्सर, डुमरांव व सिमरी सबसे पीछे: 

राज्य में मनरेगा के तहत मिले लक्ष्य की प्राप्ति पर दूसरी रैंकिंग मिलने पर एक 11 प्रखंडों में कुछ प्रखंडों के मनरेगा पदाधिकारियों का विशेष योगदान रहा जिससे कि इस लक्ष्य की प्राप्ति हो सकी. जिले की बात की जाए तो इटाढ़ी प्रखंड इस मामले में सबसे आगे रहा जिसने मिले लक्ष्य से दोगुने लक्ष्य की प्राप्ति कर ली पिटारी को 2 लाख 19 हज़ार का लक्ष्य मिला था लेकिन यहां चार लाख से ऊपर का लक्ष्य प्राप्त किया गया. इस प्रकार इटाढ़ी को 189 फीसद लक्ष्य प्राप्त हुआ. वहीं, दूसरे नंबर पर चौगाईं रहा जिसने 150 फीसद लक्ष्य प्राप्त किया. केसठ नौवें पायदान से उछलकर तीसरे स्थान पर पहुंच गया, जिसने 144 फीसद लक्ष्य प्राप्त किया वहीं, छठे से चौथे स्थान पर चौसा 122 फीसद लक्ष्य के साथ पहुंच गया. तीसरे से पांचवें पायदान पर चक्की 110 फीसद लक्ष्य प्राप्त कर रहा. छठे स्थान पर ब्रह्मपुर 99.5 लक्ष्य प्राप्त कर रहा वहीं, राजपुर 98.3 फीसद लक्ष्य प्राप्त कर सातवें स्थान पर रहा. नावानगर 8 वें बक्सर 9 वें स्थान पर रहा. डुमरांव व सिमरी जिले में सबसे निचले पायदान पर रहे. डुमरांव ने 73 फीसद एवं सिमरी ने केवल 44 फीसद लक्ष्य की प्राप्ति की.








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