कहा कि, आज के समय में जब कोरोना वायरस का कहर पूरे विश्व पर छाया हुआ है, ऐसे में ऑक्सीजन की किल्लत से हमारे देश में भी कई मौतें हुई हैं. ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने का सबसे सहज और सरल उपाय है पौधरोपण. हमारे पूर्वज शुरू से विभिन्न अवसरों पर पौधों का रोपण करते आए हैं. उसी परंपरा को यदि हम जीवित रखे तो निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण जैसी बीमारी को दूर भगा सकते हैं.
- अधिवक्ता ने व्यवहार न्यायालय में लगाया पौधा
- मौजूद रहे अधिवक्ता, शिक्षक व सामाजिक कार्यकर्ता
बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: पर्यावरण संरक्षण की मुहिम के तहत एक तरफ जहां राज्य सरकार जल जीवन हरियाली अभियान चला रही है वहीं, दूसरी तरफ आम लोग भी संक्रमण काल में हुई ऑक्सीजन की किल्लत से पर्यावरण संरक्षण का महत्व समझ चुके हैं. ऐसे में छोटे-मोटे आयोजनों से लेकर अलग-अलग अवसरों पर लोग अब पौधरोपण कर पर्यावरण को बचाने के लिए संकल्पित होते दिख रहे हैं. कांग्रेसी नेता सह अधिवक्ता राहुल आनंद ने मंगलवार को अपने जन्म दिवस के अवसर पर जिला मुख्यालय स्थित व्यवहार न्यायालय परिसर में पौधरोपण कर लोगों को यह संदेश दिया कि, पर्यावरण संरक्षण ही संक्रामक बीमारी से बचने का एकमात्र रास्ता है.
उन्होंने कहा कि, आज के समय में जब कोरोना वायरस का कहर पूरे विश्व पर छाया हुआ है, ऐसे में ऑक्सीजन की किल्लत से हमारे देश में भी कई मौतें हुई हैं. ऑक्सीजन की किल्लत को दूर करने का सबसे सहज और सरल उपाय है पौधरोपण. हमारे पूर्वज शुरू से विभिन्न अवसरों पर पौधों का रोपण करते आए हैं. उसी परंपरा को यदि हम जीवित रखे तो निश्चित रूप से कोरोना संक्रमण जैसी बीमारी को दूर भगा सकते हैं.
शिक्षक अखिलेश पांडेय व ऋषिकेश त्रिपाठी ने कहा कि पुराने समय में लोग बाग-बगीचे लगाते थे लेकिन, आज लोग पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं. ऐसे में राहुल आनंद तथा ऐसे सभी लोगों के द्वारा किए जाने वाले इस प्रयास से निश्चित रूप से लोगों में पर्यावरण को बचाने की समझ जागृत होगी. मौके पर भोजपुरी को बचाने के लिए जन आंदोलन चलाने वाले अँखुआ संगठन के आशुतोष दूबे, अधिवक्ता संघ के महासचिव गणेश ठाकुर, अधिवक्ता राघवेंद्र मिश्रा, आशुतोष ओझा, उमाशंकर सिंह, शिव प्रकाश नारायण के साथ-साथ श्याम जी भारती तथा प्रमोद शर्मा मौजूद रहे.
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