विधिक सेवा प्राधिकार की पहल पर वृद्ध विधवा को मिला न्याय ..

धीरे- धीरे उन्हें उनके पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा अनेक तरह की यातनाये दी जाने लगी. खाने के नाम पर उन्हें घर का बचा हुआ खाना चावल, रोटी आदि दिया जाता था. सब्जी के नाम पर उन्हें उबले हुए आलू पानी में डालकर दे दिया जाता था. सभी यातनाओँ को सहते हुए वह किसी तरह अपने पुत्र के साथ घर में गुजर-बसर कर रही थी.





- विधिक सेवा प्राधिकार के न्यायाधीश के द्वारा हुई मध्यस्थता
- माता को प्रताड़ित करते थे बेटे और बहू, माँ ने की थी शिकायत

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर: डुमराँव थाना क्षेत्र के सिकठा गाँव निवासी प्रमिला देवी (60 वर्ष ) को विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा उनका हक प्रदान कराया गया. दरअसल, उनके पति का देहांत 15 वर्ष पूर्व हो चुका है. वह अपने इकलौते पुत्र धर्मेंद्र चौबे एवं पुत्रवधू रीमा देवी उर्फ निभा देवी के साथ अपने घर पर ही रहती थी. बीते 15 वर्षों से वह अपने इकलौते पुत्र के साथ अपने पैतृक आवास पर रहती थी. धीरे- धीरे उन्हें उनके पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा अनेक तरह की यातनाये दी जाने लगी. खाने के नाम पर उन्हें घर का बचा हुआ खाना चावल, रोटी आदि दिया जाता था. सब्जी के नाम पर उन्हें उबले हुए आलू पानी में डालकर दे दिया जाता था. सभी यातनाओँ को सहते हुए वह किसी तरह अपने पुत्र के साथ घर में गुजर-बसर कर रही थी.

इसी बीच जिला विधिक सेवा प्राधिकार कार्यालय बक्सर में पारा विधिक स्वयंसेवक के रूप में कार्यरत सुन्दरम  कुमार अपने किसी निजी कार्य से उनके घर के पास गए हुए थे.  इसी समय अचानक तेज बारिश होने लगी. जिसके बाद उन्हें उक्त महिला के घर पर कुछ देर के लिए रुकना पड़ा, जहां उन्हें महिला की आपबीती ज्ञात हुई. उनकी बातों को सुनने के पश्चात सुंदरम ने बताया कि, जिले में एक संस्था है. उनकी मदद कर सकती है. बशर्ते, वह अपने पुत्र एवं पुत्रवधू के खिलाफ आवेदन देंगे तो उन्हें मिल सकता है इन बातों को सुनकर महिला मैं अपने पुत्र तथा पुत्र वधू के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई इसके बाद उन्हें न्याय मिला.

सुंदरम ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार वृद्धजनों की सहायता के लिए हमारे कार्यालय द्वारा अनेक प्रकार के कार्य किया जाते हैं. सुंदरम ने बताया कि न्यायाधीश -सह- सचिव द्वारा कार्रवाई की जाती है


इसी प्रकार वृद्ध महिला ने एक आवेदन कार्यालय में प्रस्तुत किया और आज गुरुवार 22 जुलाई को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, दशम -सह- सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण धर्मेंद्र कुमार तिवारी द्वारा उस महिला के पुत्र एवं पुत्रवधू को कार्यालय में बुलाकर मध्यस्था कराई गई.  साथ ही उस वृद्ध महिला पर होने वाले अत्याचारों के बारे में भी उनके पुत्र एवं पुत्रवधू से कई सवाल किए गए. वृद्ध महिला ने बताया की लोक लाज के कारण मैंने कभी इनकी शिकायत नहीं की. उनकी पुत्र एवं पुत्रवधू द्वारा यह कहा गया कि हम लोग अपने कर्मों को भूल गए थे. न्यायाधीश के द्वारा हमें अपने कर्तव्यों का बोध कराया गया. बेटे और बहू ने आश्वासन देते हुए यह शपथ ली कि भविष्य में अपनी मां को कोई भी प्रताड़ना नहीं देंगे तथा हमेशा इनका उनका ख्याल रखेंगे. शपथ पत्र पर वृद्ध माता के साथ बेटे और बहू के हस्ताक्षर भी कराए गए.







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