तीसरी लहर से बचाव के लिए शुरू करें योग: डॉ प्रियंका उपाध्याय

तीसरी लहर की भयावहता देखने के बाद एक बात स्पष्ट होती है कि इससे बचाव का एकमात्र उपाय योग है. नेचर्स पैनसीआ एंड वेलनेस सेंटर चीनी मिल बक्सर की डॉ. प्रियंका उपाध्याय के मुताबिक इससे फेफड़े मजबूत होते हैं और ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ता है.






- नेचर्स पैनसीआ एंड वेलनेस सेंटर की संचालिका है डॉ प्रियंका उपाध्याय
- कहा, कोरोना में योग के मिल रहे हैं चमत्कारिक लाभ, होती है प्रतिरोधक क्षमता मजबूत


बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: तीसरी लहर की भयावहता देखने के बाद एक बात स्पष्ट होती है कि इससे बचाव का एकमात्र उपाय योग है. नेचर्स पैनसीआ एंड वेलनेस सेंटर चीनी मिल बक्सर की डॉ. प्रियंका उपाध्याय के मुताबिक इससे फेफड़े मजबूत होते हैं और ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ता है.



कोरोना काल में योग को अहमियत कई विशेषज्ञों ने मानी  है. कोरोना से ग्रसित लोगों को दवा के साथ योग करने की सलाह दी जाती रही है. इससे लोगों की रिकवरी तेजी से हुई.  डॉ. प्रियंका उपाध्याय कहती हैं कि, शरीर को स्वस्थ्य रखने के साथ-साथ बीमारियों से लड़ने में योग के आसन रामबाण उपाय हैं. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ ही योगा से शवसन तंत्र भी मजबूत होता है. 
 
डॉ. उपाध्याय के मुताबिक प्रतिदिन नियमित तौर पर योगासन करने से शरीर में श्वेत रक्त कोशिकाओं में वृद्धि होती है. इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है और कोरोना वायरस या अन्य वायरस से बचाव करती है.

इस समय देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की बात हो रही है. इससे निपटने के लिए सारे जरूरी कदम उठाने के साथ योग का भी आभ्यास शुरू कर देना चाहिए. योग के दौरान कई सावधानियों की जरूरत है. जिसकी जितनी क्षमता हो उसे उतना  ही योग  करना चाहिए.

कोरोना काल में ये आसन साबित हो सकते हैं मददगार: 

नेचुरोपैथी एंड योगा की डॉ. प्रियंका उपाध्याय के मुताबिक कोरोना का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है, जो दूसरी बीमारियों से ग्रसित हैं. इन आसन को रोजाना करने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इससे आक्सीजन का स्तर भी बढ़ता है. योग विशेषज्ञों के मुताबिक सुखासन, सर्वांगासन, भुजंगासन, सिंहासन, ताड़ासन, शवासन, पवन मुक्तासन आदि के साथ ही पांच प्राणायाम और पांच आसनों के जरिये रक्तचाप, तनाव, मुधमेह, हृदयरोग आदि से बचा जा सकता है. कोरोना वायरस का संक्रमण ज्यादातर उन्हीं लोगों के लिए खतरा है, जो उपरोक्त बीमारियों से ग्रसित हैं. अगर  किसी को भी स्वास्थ  संबंधित परेशानी हो तो घर बैठे डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं. 

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योग का प्रशिक्षण किसी योग गुरु व विशेषज्ञ के सानिध्य में ही करना चाहिए. एक बात और ध्यान रखने वाली है कि जब किसी का बड़ा ऑपरेशन हुआ हो तो उस स्थिति में चिकित्सक से परामर्श के बाद ही योग या आसन करें.






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