वीडियो: निर्लज्ज व्यवस्था को आई लाज, अब पीएमसीएच में होगा अज्ञात घायल का इलाज ..

उन्होंने इस मामले को लेकर लिखित रूप से अपना बयान दिया है इसके अतिरिक्त भी उन्होंने बताया कि वहां पर खड़े स्वास्थ्य कर्मी यह चर्चा कर रहे थे कि घर कहीं फेंक आया जाए? अमरनाथ केसरी ने उस वक्त की तस्वीर तथा वैक्सीनेशन की पर्ची भी शेयर करते हुए करें शब्दों में अस्पताल के कर्मियों के इस व्यवहार की निंदा की है.

 





- स्थानीय निवासी ने लिखित रूप से अस्पताल की व्यवस्था की खोली पोल
- स्वास्थ्य समिति के लोगों ने बैठक कर शुरू किया लीपापोती के प्रयास

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: डुमरांव अनुमंडल अस्पताल में पिछले तकरीबन 1 हफ्ते से भर्ती बांग्ला भाषी अज्ञात व्यक्ति के इलाज में लापरवाही बरतने तथा सफाई कर्मी के द्वारा उसके जख्मों पर फिनाइल डालने के वायरल वीडियो के आधार पर खबर लिखने के पश्चात अनुमंडलीय अस्पताल डुमराव के चिकित्सा कर्मियों का जमीर जागा है और उन्होंने वरीय अधिकारियों के निर्देश पर घायल व्यक्ति की मरहम-पट्टी करते हुए उसे बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच रवाना कर दिया है.


डुमरांव के ही रहने वाले अमरनाथ केशरी नामक एक व्यक्ति ने लिखित रूप से एक बयान देते हुए अस्पताल की व्यवस्था की स्याह हकीकत को उजागर किया है. उन्होंने बताया है कि शुक्रवार को वह अपनी पत्नी के साथ कोरोना वैक्सीन लेने के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में गए थे. उसी वक्त अस्पताल के महिला तथा पुरुष कर्मियों के द्वारा घायल व्यक्ति को डांट-डपट कर भगाया जा रहा था. कर्मियों के द्वारा यह कहा जा रहा था कि, घायल से बहुत दुर्गंध आ रही है हालांकि, उस वक्त अमरनाथ के फ्री माजरा समझ नहीं पाए और अपनी पत्नी तथा स्वयं वैक्सीन लेने चले गए लेकिन जब उन्हें बक्सर टॉप न्यूज़ में छपी खबर के आधार पर मामले की जानकारी हुई तो उन्हें बहुत दुख हुआ और उन्होंने इस मामले को लेकर लिखित रूप से अपना बयान दिया है इसके अतिरिक्त भी उन्होंने बताया कि वहां पर खड़े स्वास्थ्य कर्मी यह चर्चा कर रहे थे कि घर कहीं फेंक आया जाए? अमरनाथ केसरी ने उस वक्त की तस्वीर तथा वैक्सीनेशन की पर्ची भी शेयर करते हुए करें शब्दों में अस्पताल के कर्मियों के इस व्यवहार की निंदा की है.


उधर, मामले के चर्चा में आने के पश्चात इसके लीपापोती के भी प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. स्वास्थ्य समिति के सदस्यों की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें यह बताया गया कि 28 जून को जीआरपी ने उक्त घायल व्यक्ति को भर्ती कराया जो बुरी तरह जख्मी था. चिकित्सक और कंपाउंडर ने उसे देखा और इलाज शुरु हुआ लेकिन, जख्म बहुत अधिक था और उस में इंफेक्शन हो गया, जिससे बहुत दुर्गंध आ रही थी उसमें बेटाडिन डालकर सफाई और ड्रेसिंग की जा रही थी. जिस डब्बे को फिनाइल बताया जा रहा है वह बेटाडीन का डिब्बा था हालांकि, उसका इलाज यहां संभव नहीं था इसलिए उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया गया. समिति के सदस्यों ने जख्मों पर फिनाइल डालने वाली बात को गलत बताया है तथा इसे अस्पताल को बदनाम करने की कोशिश बताया है.



लेकिन, स्वास्थ्य समिति के यह जवाब कहीं से भी अमरनाथ के तरीके पत्र अथवा कर्मियों की चर्चा का जवाब नहीं दे रहे हैं. साथ ही यह भी नहीं बताया जा रहा कि, किस परिस्थिति में सफाई कर्मी के द्वारा जख्म पर फेंक-फेंक कर बेटाडिन लगाया जा रहा है? उधर मामले में सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र नाथ ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए कहा है कि, जिस तरह से मरीज का इलाज करने का वीडियो वायरल हुआ है वह तरीका बेहद मूर्खतापूर्ण है. और इस तरह के मरीज का इलाज करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाएगी.

वीडियो: 

सिविल सर्जन का बयान:











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