वीडियो: विपक्ष में था तो उठाता था आवाज, सरकार में हूँ तो बना रहा शिक्षा सुधार की योजनाएं: उपेन्द्र कुशवाहा

कॉलेजियम सिस्टम के बारे में एक बार फिर बोलते हुए उन्होने कहा कि यह हिंदुस्तान के संविधान पर कलंक है. यह गैर संवैधानिक है. जब तक इस तरह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की बहाली होती रहेगी. तब तक गरीब लोगों को न्याय नहीं मिल सकता है.





- बक्सर पहुंचे पूर्व केंद्रीय मंत्री ने पत्रकारों से की बातचीत
- कॉलेजियम सिस्टम को बताया बिहार के संविधान का कलंक

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: "आदमी जब जिस भूमिका में होता है उस धर्म का पालन करता है. जब मैं विपक्ष में था तो अपने धर्म का पालन करते हुए शिक्षा में सुधार के लिए आवाज उठाता था. आज जब सरकार में हूँ तो सरकार के साथ मिलकर शिक्षा में सुधार का प्रयास कर रहा हूँ." यह कहना है पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा वर्तमान में जदयू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा का. उन्होंने जिला मुख्यालय स्थित परिसदन में पत्रकारों से बात करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय समेत कई मुद्दे मेरे दिमाग में है. जल्द ही उस पर कार्य होंगे. 


कॉलेजियम सिस्टम के बारे में एक बार फिर बोलते हुए उन्होने कहा कि यह हिंदुस्तान के संविधान पर कलंक है. यह गैर संवैधानिक है. जब तक इस तरह हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जजों की बहाली होती रहेगी. तब तक गरीब लोगों को न्याय नहीं मिल सकता है. उन्होंने कहा कि केंद्र में मंत्री रहते हुए भी उन्होंने यह बात कही थी और आज भी कह रहे हैं. जिस तरह से डीएम और एसपी के बहाली के लिए खुली प्रतियोगिता है उस तरह ही जजों की बहाली के लिए भी कंपटीशन कराने की आवश्यकता है.

जनता ने दिया एक साथ होने का जनादेश:

इसके पूर्व उन्होंने कहा कि, मैं नितीश कुमार के साथ तब से हूं जब से समता पार्टी का गठन हुआ था. समता पार्टी के फाउंडर सदस्यों में उपेंद्र कुशवाहा भी है. लंबे समय तक नीतीश कुमार जी के साथ काम करने का अनुभव रहा है. बीच में कुछ परेशानी हुई जिसके चलते हम लोग का रास्ता अलग अलग हो गया लेकिन, इस बार विधानसभा का जो चुनाव हुआ उस चुनाव का जनादेश मुझको भी यही मिला कि आप दोनों एक साथ हो जाइए.

समता पार्टी को लेकर शुरू की गई धारा को बचाना है मूल उद्देश्य:

पूर्व मंत्री ने कहा कि मैं और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक साथ है और आगे भी रहेंगे. उन्होंने कहा कि एक आशंका सामने आ रही थी कि समता पार्टी जिस धारा को लेकर के राजनीति में आगे बढ़ी थी वह धारा समाप्त अथवा कमजोर हो रही थी. ऐसे में इस धारा को बचाने के लिए एक साथ होना जरूरी था क्योंकि, कल हम रहे ना रहे यह धारा जरूर रहनी चाहिए.

5 साल की गारंटी वाली है प्रदेश की सरकार:

उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने बिहार की राजनीति में मंसूबा पाल लिया है कि सरकार ज्यादा दिन चल नहीं सकेगी लेकिन, उन लोगों का मंसूबा धरा का धरा रह जाएगा क्योंकि, फिलहाल तो 5 साल के लिए जनता ने नीतीश कुमार जी को जनमत दे दिया है कि वह सरकार चलाएं. ऐसे में 5 साल गारंटी के साथ सरकार चलने वाली है.

संक्रमण काल में अनाथ हुए बच्चों की परवरिश का केंद्र सरकार ने उठाया जिम्मा:

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने कहा था कि कोरोना वायरस काल में कोई भी बच्चा अनाथ हुआ तो माता-पिता को कोई वापस नहीं ला जा सकता लेकिन, सरकार अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए बच्चे की पढ़ाई-लिखाई तथा देखरेख व परवरिश का उपाय कर रही है.

संक्रमण को लेकर पूछे गए सवाल तो झेंप गए उपेंद्र कुशवाहा:

यह पूछने पर कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर के आगामी 8 अगस्त से प्रभावी होने की बात जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार स्वयं कह रहे हैं तो क्या इस तरह से शक्ति प्रदर्शन करना और एक बंद कमरे में कार्यकर्ताओं के साथ बैठना उचित है? उपेंद्र कुशवाहा झेंप गए और यह कहने लगे कि यह जिले का मामला है आप जिलाध्यक्ष संतोष निराला जी से पूछिए हालांकि, उन्होंने बाद में यह भी कहा कि, तमाम चीजों पर कंट्रोल नहीं हो सकता.

प्रेस वार्ता के दौरान जिलाध्यक्ष संतोष कुमार निराला के साथ-साथ मुख्य प्रवक्ता अशोक कुमार सिंह तथा अन्य नेता मौजूद थे.

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