ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में पूजन से लेकर प्रवेश तक पर रोक, डीएम-एसपी ने किया निरीक्षण ..

डीएम ने भ्रमण के क्रम में वहां पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी को आवश्यक  दिशा-निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि, कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में रखने हेतु धार्मिक स्थल मंदिर, शिवालय में पूजा पाठ आम जनों के लिए बंद किया गया है. ऐसे में ब्रह्मपुर शिव मंदिर में भी श्रद्धालुओं के आने जाने और पूजन पर प्रतिबंध रहेगा.




- मानसून पूर्व नाले की सफाई को लेकर नप कार्यपालक पदाधिकारी को डीएम का निर्देश
- नालों की साफ-सफाई का भी दिया गया निर्देश, मंदिर परिसर की कराई जाएगी बैरिकेडिंग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर:श्रावण मास में ब्रह्मपुर स्थित ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर में भगवान शिव पर जलाभिषेक की इच्छा इस बार श्रद्धालु पूरी नहीं कर पाएंगे. दरअसल, संक्रमण काल को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के मद्देनजर मंदिरों को बंद रखने के निर्देशालोक में ब्रह्मपुर स्थित शिव मंदिर को भी बंद रखा जाएगा. रविवार को जिला पदाधिकारी अमन समीर एवं पुलिस अधीक्षक नीरज कुमार सिंह ने ब्रह्मपुर प्रखंड के अंतर्गत भ्रमण के क्रम में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे. डीएम ने भ्रमण के क्रम में वहां पर प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी को आवश्यक  दिशा-निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि, कोविड-19 संक्रमण की स्थिति को नियंत्रण में रखने हेतु धार्मिक स्थल मंदिर, शिवालय में पूजा पाठ आम जनों के लिए बंद किया गया है. ऐसे में ब्रह्मपुर शिव मंदिर में भी श्रद्धालुओं के आने जाने और पूजन पर प्रतिबंध रहेगा.


जिला पदाधिकारी ने डुमरांव नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी को नगर पंचायत में शामिल हो चुके ब्रह्मपुर में नाले की साफ-सफाई एवं मरमति का कार्य करने का निर्देश दिया ताकि आने वाले मानसून में जलजमाव होने के समस्या से बचाव हो सके. इसी क्रम में ब्रह्मपुर प्रखंड में जिला परिषद के डाक बंगला एवं वन विभाग के पौधशाला का भी निरीक्षण किया गया और आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया. भ्रमण के दौरान उप विकास आयुक्त डॉ. योगेश कुमार सागर, डुमराँव अनुमंडल पदाधिकारी कृष्ण कुमार उपाध्याय, डुमराँव अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के.के.सिंह, ब्रह्मपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी, आशीष कुमार मिश्रा, अंचलाधिकारी तथा थानाध्यक्ष निर्मल कुमार मौजूद रहे. 

इसके पूर्व शनिवार को अनुमंडल पदाधिकारी हरेंद्र राम की अध्यक्षता में मंदिर प्रबंध समिति की एक बैठक का आयोजन कर यह कहा गया था कि, संक्रमण काल में मंदिर बंद रहने के आलोक में मंदिर में पूजा पाठ से लेकर प्रवेश तक वर्जित रहेगा. इसके अतिरिक्त भीड़भाड़ को रोकने के लिए मंदिर की बैरिकेडिंग आदि भी कराई जाएगी.








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