बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बाल गृह में रखा गया है, साथ में ही उन्हें तात्कालिक लाभ के रूप में नगद राशि तथा अन्य प्रावधानों के अंतर्गत लाभान्वित किए जाने की योजना भी है. इसके साथ ही दोनों दुकानदारों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु थाने में आवेदन दिया गया है.
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दुकान संचालक से पूछताछ करते अधिकारी |
- बाल श्रम के विरूद्ध बडी कार्यवाही दो बच्चों को कराया गया विमुक्त
- कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र में चलाया गया अभियान
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: श्रम विभाग के द्वारा बाल श्रम के विरुद्ध की गई कार्रवाई में कृष्णाब्रह्म के समीप दो दुकानों से एक एक नाबालिक बच्चे को बालश्रम से मुक्त कराया गया है. इन बच्चों को चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के समक्ष प्रस्तुत करते हुए बाल गृह में रखा गया है, साथ में ही उन्हें तात्कालिक लाभ के रूप में नगद राशि तथा अन्य प्रावधानों के अंतर्गत लाभान्वित किए जाने की योजना भी है. इसके साथ ही दोनों दुकानदारों के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराने हेतु थाने में आवेदन दिया गया है.
इस बाबत जानकारी देते हुए अधीक्षक जयंत कुमार ने बताया कि सूचना मिली थी कि कृष्णाब्रह्म में दो बच्चों से बाल श्रम कराया जा रहा है सूचना के आधार पर शिवम मिस्ठान भंडार गोलू चाट कॉर्नर में छापेमारी की गई जहां से एक-एक बच्चे को बाल श्रम करते हुए पाया गया और उन्हें वहां से भी मुक्त कराया गया बाद में बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां से फिलहाल उन्हें बाल गृह में भेजा गया है.
श्रम अधीक्षक ने बताया कि बच्चों को तत्काल राहत के रूप में 3 हज़ार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी तत्पश्चात मुख्यमंत्री राहत कोष से उनके नाम पर 25 हज़ार रुपये फ़िक्स कराए जाएंगे जिस से मिलने वाली ब्याज़ की राशि से बच्चों का स्कूल में नामांकन कराने के साथ-साथ उनके पढ़ाई लिखाई की भी व्यवस्था होगी. बच्चे के 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर परिपक्वता की राशि भी उसे प्रदान की जाएगी जिससे कि वह अपना कोई व्यवसाय शुरू कर सकें.
बच्चों के पुनर्वास की भी होगी व्यवस्था:
उन्होंने बताया कि बाल श्रमिकों को मुक्त कराए जाने के बाद भी उनके आगे के बेहतर जीवन तथा पढ़ाई-लिखाई आदि की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित कराए जाने हेतु उनके पुनर्वास की पूरी योजना बनी है. जिसे कार्यान्वित कराया जाएगा जिसके तहत सबसे पहले बच्चों के अभिभावकों से यह शपथ पत्र लिया जाएगा कि वह बच्चों को पुनः काम पर नहीं भेजेंगे इसके साथ ही परिवार को खाद्यान्न स्वास्थ्य तथा योग्यता के अनुसार जॉब कार्ड दिलाने के अतिरिक्त भवन निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड का सदस्य बनाने के साथ-साथ प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने का भी कार्य होगा.
दुकानदार पर लगेगा 50 हज़ार रुपये का जुर्माना, 2 साल की हो सकती है कैद:
श्रम अधीक्षक के मुताबिक बाल श्रम कराने के आरोप में दोनों दुकानदारों के विरुद्ध बाल श्रम अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिकी दर्ज कराई गई है जिसमें 50 हज़ार रुपये जुर्माना के साथ साथ 2 साल की कैद का भी प्रावधान है. इसके साथ ही बच्चों ने जितने दिनों तक उनके दुकान पर काम किया है इतने दिन की मजदूरी भी बच्चों को दिलवाई जाएगी. इतना ही नहीं सीडब्ल्यूसी की कमेटी यह भी जांच करेगी कि दुकानदार के द्वारा कहीं बच्चे को डरा धमका कर काम तो नहीं लिया जा रहा था. यदि ऐसा पाया जाएगा तो उनके विरुद्ध आईपीसी की धाराओं के तहत भी कार्रवाई की जाएगी.
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