विकास कार्यों व मनरेगा में करोड़ों रुपयों के गबन की पीएम से शिकायत ..

जिस मनरेगा में सूबे में अपना जिला अव्वल रहा है उस मनरेगा के कार्यों में भी बिना कार्य कराए ही पैसे निकाल लेने की बात ग्रामीणों के द्वारा कही गई है. मामले को लेकर स्थानीय निवासी विजय नारायण तिवारी एवं विक्रमा सिंह के द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, मनरेगा के निदेशक से भी शिकायत की गई है. 
सात निश्चय के तहत पुलिया की जगह पोल डालकर बना आवागमन का मार्ग

 




- इटाढ़ी प्रखंड के कुकुढ़ा पंचायत के मुखिया तथा प्रखंड विकास पदाधिकारी पर लगे हैं आरोप
- ग्रामीणों ने बताया, बिना कार्य कराए ही निकाल ली गई राशि

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सरकार एक तरफ जहां पंचायतों के विकास के लिए लगातार कई तरह की योजनाएं बनाकर उनके कार्यान्वयन के लिए अपने खजाने खोल दे रही हैं वहीं, दूसरी तरफ स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा सरकार की मंशा पर पानी फेरने की कोशिश की जा रही है. विभिन्न पंचायतों में विकास योजनाओं में सामने आ रहे गड़बड़ी के मामलों से यह स्पष्ट हो जाता है कि, जनप्रतिनिधि जनता का नहीं बल्कि केवल अपना भला करने के लिए सत्तासीन हुए हैं.




ताजा मामला इटाढ़ी प्रखंड के कुकुढ़ा पंचायत से जुड़ा हुआ है जहां स्थानीय मुखिया नंद लाल सिंह पर विकास के नाम पर सरकारी राशि के गबन के आरोप लगे हैं. इतना ही नहीं जिस मनरेगा में सूबे में अपना जिला अव्वल रहा है उस मनरेगा के कार्यों में भी बिना कार्य कराए ही पैसे निकाल लेने की बात ग्रामीणों के द्वारा कही गई है. मामले को लेकर स्थानीय निवासी विजय नारायण तिवारी एवं विक्रमा सिंह के द्वारा प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, ग्रामीण विकास मंत्री, मनरेगा के निदेशक से भी शिकायत की गई है. उनका कहना है कि मुखिया के द्वारा मनरेगा की विभिन्न योजनाओं में भारी लूट-खसोट की गई है जिसमें करोड़ों रुपये का घोटाला कर लिया गया है. इस लूट-खसोट में उनके साथ प्रखंड विकास पदाधिकारी भी शामिल हैं. 
ग्रामीण ने बताया, मनरेगा के तहत कागजों में बना छठ घाट



शिकायतकर्ताओं के साथ-साथ स्थानीय ग्रामीण धर्मेंद्र चौबे, कृष्णकांत चौबे, पुतुल चौबे, सरोज चौबे तथा पारसनाथ चौबे, सोनू कुमार चौबे का कहना है कि, कई जगहों पर सड़क निर्माण,ईंट सोलिंग कार्य, करहा निर्माण, पोखरे की खुदाई जैसे कार्यों को बिना कराएं ही पैसे की निकासी कर ली गई है. कहीं भी योजना का बोर्ड भी नहीं लगाया गया है जिसके चलते कई जगहों पर एक ही काम को दो-दो बार दिखा कर पैसों की निकासी की गई है. इस बात की शिकायत उनके द्वारा नियमित रूप से संबंधित पदाधिकारियों से की जाती रही है लेकिन, उनके तरफ से कोई पहल नहीं की गई. थक-हार कर उन्होंने मामले को लेकर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री समेत सूबे के वरीय अधिकारियों के साथ-साथ जिला पदाधिकारी को भी आवेदन दिया है.


इस बाबत पूछे जाने पर प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों के द्वारा की गई इस प्रकार की किसी भी शिकायत के संदर्भ में उन्हें कुछ भी ज्ञात नहीं है. यदि मामला मनरेगा से जुड़ा हुआ है तो वह उप विकास आयुक्त के द्वारा मॉनिटर किया जाता है.






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