विकास व मनरेगा कार्यों में लूट-खसोट की शिकायत लेकर समाहरणालय पहुंचे दर्जनों ग्रामीण ..

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मनरेगा के माध्यम से 8 एकड़ के एक पोखर के जीर्णोद्धार के नाम पर 4 लाख से ज्यादा की राशि निकाल ली गई लेकिन, वहां धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. एक भी मजदूर ने कभी वहां मजदूरी नहीं की. इसके अतिरिक्त तकरीबन 15 से ज्यादा योजनाएं ऐसी हैं जो केवल कागजों में ही पूरी हुई हैं.

 





- इटाढ़ी प्रखंड के कुकुढ़ा पंचायत से जुड़ा है मामला
- प्रभारी जिला पदाधिकारी ने कहा, मामले की जांच कराने के बाद होगी उचित कार्रवाई

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: इटाढ़ी प्रखंड के कुकुढ़ा पंचायत के तकरीबन तीन दर्जन ग्रामीण सोमवार को समाहरणालय स्थित पार्क में धरने पर बैठ गए. उनका कहना था कि मुखिया द्वारा पंचायत के विकास कार्यों में घोर अनियमितता बरती जा रही है. साथ ही कई जगह तो बिना काम कराए ही पैसे की निकासी कर ली गई है. इतना ही नहीं जिन लोगों को मनरेगा का जॉब कार्ड दिया गया है वह लोग संपन्न परिवार के लोग हैं. ऐसे में मजदूरी के नाम पर भी काफी लूट-खसोट हुई है.

पंचायत के कादीपुर गांव के निवासी विजय नारायण तिवारी का कहना है कि वार्ड संख्या 2 में मुख्य गली तमाम रास्तों में कीचड़ और गंदगी पसरी हुई है. इतना ही नहीं एक ही गली की ढलाई के नाम पर तीन तीन बार पैसे निकाल दिए गए हैं. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि मनरेगा के माध्यम से 8 एकड़ के एक पोखर के जीर्णोद्धार के नाम पर 4 लाख से ज्यादा की राशि निकाल ली गई लेकिन, वहां धरातल पर कोई काम नहीं हुआ. एक भी मजदूर ने कभी वहां मजदूरी नहीं की. इसके अतिरिक्त तकरीबन 15 से ज्यादा योजनाएं ऐसी हैं जो केवल कागजों में ही पूरी हुई हैं.

स्थानीय ग्रामीण सोनिया देवी ने बताया कि मुखिया विकास कार्यों में हुई अनियमितता की शिकायत करने पर दबंगई दिखाते हैं. उन्होंने उनकी दो भैंसे जबरन  छीन ली हैं. ग्रामीण वेंकटेश कुमार तथा सोनू कुमार चौबे का कहना है कि मनरेगा मजदूरों के नाम पर अवैध निकासी की गई है. जिन्हें मजदूर बताकर जॉब कार्ड निर्गत किया गया है वह सम्पन्न परिवार के लोग हैं. मामले में प्रभारी जिला पदाधिकारी डॉ योगेश कुमार सागर से पूछने पर उन्होंने बताया कि ग्रामीणों ने जो शिकायत की है, उसकी जांच कराई जा रही है जांचोपरांत उचित कार्रवाई की जाएगी.







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