केंद्रीय, मुक्त तथा मंडल कारागार से रिहा किए जाएंगे कैदी ..

बताया जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में ऐसे कैदियों को रिहा करने के लिए कैदियों से आवेदन मांगे जा रहे हैं. आवेदन प्राप्ति के बाद कारा अधीक्षक के द्वारा ऐसे कैदियों को रिहा कर दिया जाएगा.
कैदियों से मुखातिब अधिकारी

 




- तीनों जेलों में आयोजित विधिक जागरूकता शिविर में दी गई जानकारी
- कैदियों को देना होगा कारा अधीक्षक को आवेदन तत्पश्चात होगी छोड़ने की प्रक्रिया

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: केंद्रीय कारा, मुक्त कारागार तथा महिला मंडल कारा में रहने वाले कई कैदियों को रिहा मिलेगी . इन जेलों में सजा भुगत रहे ऐसे कैदी जिन्हें 10 साल की सज़ा मिली है तथा उनकी रिहाई में 6 माह का समय बचा हो तथा जिन्हें 7 साल की सज़ा मिली है तथा उनकी रिहाई में 3 महीने से कम समय बचा हुआ है, उन्हें रिहा कर दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि उच्चतम न्यायालय के द्वारा दिए गए आदेश के आलोक में ऐसे कैदियों को रिहा करने के लिए कैदियों से आवेदन मांगे जा रहे हैं. आवेदन प्राप्ति के बाद कारा अधीक्षक के द्वारा ऐसे कैदियों को रिहा कर दिया जाएगा.



इस बाबत राज्य विधिक सेवा प्राधिकार से प्राप्त निर्देश के आलोक में केंद्रीय, मुक्त तथा महिला मंडल कारा में शनिवार को विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया, जहां उनके अधिकारों की जानकारी देने के साथ-साथ समय पूर्व रिहाई के बारे में भी जानकारी दी गई.
अधिकारियों के सामने अपनी बातें रखते कैदी


इस संदर्भ में जानकारी देते हुए विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव धर्मेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार ऐसे बंदी जिन्हें 10 साल तथा 7 साल की सजा हुई है और उनकी रिहाई में क्रमशः 6 तथा 3 माह का समय बचा हुआ है उन्हें रिहा किया जा सकता है. उन्होंने बताया कि विधिक जागरूकता शिविर में कैदियों को कई जानकारियां भी दी गई. मौके पर कारा अधीक्षक राजीव कुमार, मुक्त कारा अधीक्षक शालिनी कुमारी, पैनल अधिवक्ता आशुतोष ओझा, रामानंद तिवारी जितेंद्र कुमार, रवि प्रकाश रवि, उमेश कुमार, अनिल शर्मा, रूपक कुमार, दीपेश कुमार, सुधीर कुमार, प्रीति कुमारी, दीपिका केशरी मौजूद रही.






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