वीडियो: लाल निशान से पार गंगा का जलस्तर, बक्सर-वाराणसी मार्ग पर आवागमन बंद, सदर प्रखंड के कई गाँवों का संपर्क पथ डूबा ..

ठोरा नदी में भी पानी का दबाव बढ़ गया है. ठोरा नदी में पानी बढ़ने के चलते सदर प्रखंड के दर्जनों गाँवों को जाने वाली सड़कों पर पानी चढ़ गया है. सदर प्रखंड के गोविंदपुर, लरई, करहंसी, नावागांव, कोड़रवा समेत दर्जनों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. 

 




- सुबह 10:00 बजे 60.38 पर पहुंचा है गंगा का जलस्तर 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से वृद्धि जारी
- वाराणसी जाने का सुगम मार्ग डूबा, सदर व चौसा प्रखंड के विभिन्न गांव में नाव चलाने की मांग

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: गंगा के जलस्तर में हो रही बेतहाशा वृद्धि ने वर्ष 2016 की यादें ताजा कर दी है सुबह 10:00 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 6 सेंटीमीटर ऊपर बहते हुए 60.38 मीटर पर बना हुआ है. सुबह 8:00 बजे से ही जलस्तर 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. इलाहाबाद और वाराणसी में गंगा की रफ्तार 6 सेंटीमीटर प्रति घंटे बताई जा रही है. बता दें कि बक्सर में चेतावनी बिंदु 59.32 मीटर है जबकि खतरे का निशान 60.32 मीटर पर है.  गंगा जल स्तर की तेजी के चलते कर्मनाशा नदी पर भी दबाव बढ़ गया है. जिसके कारण कई कई गांव का सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया है वहीं चौसा मोहनिया पथ पर अखौरीपुर महर्षि च्यवन कॉलेज के समीप सड़क पर बाढ़ का पानी चढ़ जाने से बक्सर-वाराणसी के सुगम व सरल मार्ग पर आवागमन ठप हो गया है. इसके अतिरिक्त चौसा धर्मपुरा नदी के प्रचंड रूप से टी वाय तथा नागपुर जाने का मार्ग पर भी परिचालन बाधित हो गया है.


कर्मनाशा नदी में आई बाढ़ की रफ्तार काफी तेज है. रविवार की सुबह पानी बढ़ने से क्षेत्र के कई गांव बाढ़ से घिर गए हैं. जिनमें चौसा प्रखंड के अखौरीपुर गोला, बनारपुर सिकरौल, जलीलपुर, रोहिणीभान बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिर गए हैं. हालांकि, बनारपुर के अतिरिक्त अन्य किसी गांव के घर पानी में नहीं डूबे हैं. इधर, ठोरा नदी में भी पानी का दबाव बढ़ गया है. ठोरा नदी में पानी बढ़ने के चलते सदर प्रखंड के दर्जनों गाँवों को जाने वाली सड़कों पर पानी चढ़ गया है. सदर प्रखंड के गोविंदपुर, लरई, करहंसी, नावागांव, कोड़रवा समेत दर्जनों गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. गोविंदपुर जाने वाली सड़क पर 2 फीट तक पानी बह रहा है. बताया जा रहा है कि इस बार ने वर्ष 2016 में आई बाढ़ की याद ताजा कर दी है.

ग्रामीण बताते हैं कि सड़क पर पानी आ जाने पर बच्चे अब ट्यूशन आदि भी नहीं जा पाएंगे. ग्रामीणों ने लोगों के लिए नाव की व्यवस्था करने की बात की है. क्योंकि जिस रफ्तार से पानी बढ़ रहा है ऐसे में लोगों को अस्पताल आदि जाने के लिए नाव की नितांत आवश्यकता होगी.

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