नियोजन फर्जीवाड़े के आरोपी शिक्षक अभ्यर्थियों की नई समस्या, पूछा - नोटिस नहीं मिले तो कैसे साबित करें सच्चाई?

जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा ऐसे संदिग्ध के 121 लोगों को चिन्हित किया गया था जिनके प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका है. ऐसे लोगों को अपने प्रमाण पत्र का भौतिक सत्यापन कराने की बात कही जा रही है. साथ ही पिछले दिनों फर्जी पाए जाने पर नव चयनित शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की बात भी सामने आई थी. 







- कहा, एक बार नोटिस भेजकर विभाग कर रहा खानापूर्ति
- अभ्यर्थियों को अपना पक्ष रखने का नहीं मिल रहा मौका

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : जिले में इन दिनों शिक्षक नियोजन फर्जीवाड़े की बात खूब चर्चा में है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा ऐसे संदिग्ध के 121 लोगों को चिन्हित किया गया था जिनके प्रमाण पत्र फर्जी होने की आशंका है. ऐसे लोगों को अपने प्रमाण पत्र का भौतिक सत्यापन कराने की बात कही जा रही है. साथ ही पिछले दिनों फर्जी पाए जाने पर नव चयनित शिक्षक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की बात भी सामने आई थी. लेकिन, इन सबके बीच में शिक्षक अभ्यर्थियों के सामने एक नई समस्या आ रही है. 



उनका कहना है कि शिक्षक नियोजन इकाई की ओर से एक बार फोन किया जा रहा है और यदि कोई अभ्यर्थी फोन नहीं उठा पाता है तो उसे इस बात की जानकारी नहीं मिल पाती है कि नियोजन इकाई से उन्हें उपस्थिति के लिए कोई नोटिस भी भेजा गया है. 

इतना ही नहीं किसी कारणवश यदि फोन बंद हो तो शिक्षक अपना पक्ष नहीं रख पा रहे हैं. ऐसे में एक बार के नोटिस में कार्रवाई कर देना कहीं से भी न्याय संगत नहीं है. उन्होंने कहा कि न्यायालय भी कम से कम 3 बार नोटिस देता है. उधर इस मामले में पूछे जाने पर जिला शिक्षा पदाधिकारी अमर भूषण ने बताया कि शिक्षक अभ्यर्थियों को यदि किसी कारणवश नोटिस नहीं मिल पाता तो वह कभी भी आकर अपना पक्ष रख सकते हैं जिन्हें अपनी सत्यता पर भरोसा होगा उनके लिए कोई परेशानी नहीं है लेकिन, ऐसे लोग जो फर्जी सर्टिफिकेट या पहचान के आधार पर नौकरी कर रहे हैं, निश्चित रूप से उनके लिए बचने का कोई रास्ता नहीं है.







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