सम्मानित हुए सीपीआई के वयोवृद्ध नेता सत्यनारायण प्रसाद

कहा कि विगत 1955 में छात्र जीवन काल से ही सीपीआई का दामन थाम लगातार एक ही दल में बने रहने वाले नेता सत्यनारायण प्रसाद का व्यक्तित्व वर्तमान राजनीतिक परिवेश के बीच पार्टी के लिए एक अनूठी मिसाल है. पूर्व सांसद तेजनारायण सिंह ने कहा कि श्री प्रसाद के राजनीतिक अनुभव का लाभ आज भी हम सभी को मिलता है. 

 





- सीपीआई के राज्य सचिव ने किया सम्मानित
- 66 वर्षों से सीपीआई के साथ जुड़े हैं सत्यनारायण प्रसाद

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : लगातार 66 सालों तक एक ही दल का दामन थामे रहने वाले सत्यनारायण प्रसाद को सलाम करता हूं वह पुराने शाहाबाद जिले के नामचीन राजनीतिक व्यक्तित्व में शुमार हैं. यह कहना है सीपीआई के राज्य सचिव तथा पूर्व विधायक कामरेड रामनरेश पांडेय का. 

दरअसल, राजनीतिक दल सीपीआई का दामन लगातार 66 वर्षों से थामे तथा पार्टी के विभिन्न पदों का दायित्व संभालते हुए शारीरिक रूप से कमजोर हो चुके वयोवृद्ध सत्यनारायण प्रसाद उर्फ दादा को सीपीआई द्वारा सम्मानित किया गया. पार्टी की तरफ से सीपीआई के राज्य सचिव सह पूर्व विधायक रामनरेश पांडेय के नेतृत्व में प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रविन्द्र राय, पूर्व सांसद तेजनारायण सिंह, एआइएसएफ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव रविन्द्र राय एवं पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा द्वारा उनके डुमरांव नगर के चौक रोड स्थित आवास पर पंहुच कर नेता को सम्मानित किया गया. राष्ट्रीय नेताओ द्वारा तकरीबन 90 वर्षीय सत्यनारायण प्रसाद को मार्ल्यापण कर एवं अंगवस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया.




इस मौके पर पत्रकारों से रूबरू सीपीआई के राज्य सचिव सह पूर्व विधायक रामनरेश पांडेय ने कहा कि वर्तमान परिवेश में सत्यनारायण प्रसाद जैसे व्यक्तित्व का मिलना बेहद कठिन है. लगातार 66 सालों तक विभिन्न परिस्थितियों का सामना करते हुए एक राजनीतिक दल सीपीआई का दामन थामे खड़ा रहने वाले नेता सत्यनारायण प्रसाद को सलाम करता हूँ. उन्होने कहा कि पार्टी की भागलपुर में आयोजित होने वाली नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच डुमरांव के सत्यनारायण प्रसाद उर्फ दादा को सम्मानित किया जाएगा. 

अखिल भारतीय खेतीहर मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव सह पूर्व सांसद नागेन्द्र नाथ ओझा ने कहा कि विगत 1955 में छात्र जीवन काल से ही सीपीआई का दामन थाम लगातार एक ही दल में बने रहने वाले नेता सत्यनारायण प्रसाद का व्यक्तित्व वर्तमान राजनीतिक परिवेश के बीच पार्टी के लिए एक अनूठी मिसाल है. पूर्व सांसद तेजनारायण सिंह ने कहा कि श्री प्रसाद के राजनीतिक अनुभव का लाभ आज भी हम सभी को मिलता है. उनके समकक्ष कोई नेता अब पुराने शाहाबाद जिले में नहीं है. उन्होनें श्री प्रसाद के बेहतर स्वास्थ के लिए कामना की. प्रलेस के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि सत्यनारायण प्रसाद ने अपने नाम के अनुसार समाज एवं दल के बाहर व भीतर योगदान देने का काम किया है. आज की तारीख में ऐसे व्यक्तित्व को मुझे देखने व सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है. यह अपने आप में गर्व की बात है. पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं से सम्मान पाकर वयोवृद्ध सीपीआई नेता श्री प्रसाद की आंखे नम हो उठी. उन्होनें नम आंखों से मौके पर मौजूद नेताओं से राजनीतिक धारा को समाजहित में बरकारार रखने का आग्रह किया. 
 
इस मौके पर नागेन्द्र मोहन सिंह, ओमप्रकाश सिंह, निर्वतमान जिला परिषद सदस्य केदार यादव, शमीम मंसूरी, ज्योतिश्वर सिंह,सुदामा चौधरी एवं जीतेन्द्र सिंह आदि मौजूद थे. बता दें कि वयोवृद्ध सीपीआई नेंता काफी दिनों से अस्वस्थ हालत में ईलाजरत हैं. बावजूद श्री प्रसाद का दिल व दिल राजनीतिक एवं सामाजिक गतिविधियों में बना रहता है. अस्वस्थता के बावजूद करीब 90 वर्ष की उम्र में भी अपने गांव-शहर की सामाजिक, राजनैतिक, सांस्कृतिक गतिविधियों की जानकारी नित्य विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं के माध्यम से लेना नहीं उनकी दिनचर्या में शामिल है. श्री प्रसाद प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सरदार हरिहर सिंह के खिलाफ चुनावी बर्ष 1967, 69 एवं 1972 में डुमरांव-नावानगर विधान सभा क्षेत्र से पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके है. तीन बार के विधान सभा के तीनो बार संपन्न चुनाव में दुसरे स्थान पर श्री प्रसाद बने रह गए. उन्होने कांग्रेस के प्रत्याशी सरदार हरिहर सिंह के खिलाफ तीन बार विधान सभा का चुनाव लड़ा. वर्ष 72 के चुनाव में महज 370 मत से पराजित हो गए और वे विधायक बनते बनते रह गए.







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