पूरी रात अंधेरे में डूबे रहे पांडेय पट्टी समेत कई इलाके, 10 बजे तक आ सकती है बिजली ..

बताया कि पूर्व के समय में जब बिजली की व्यवस्था निजी विद्युत कंपनी के हाथ में नहीं थी उस वक्त भी आसानी से यह ज्ञात हो जाता था कि बिजली व्यवस्था क्यों गड़बड़ है लेकिन, अब ऐसा संभव नहीं हो पाता. जबकि बिजली बिल की बात करें तो एक सामान्य घर में 100 वॉट के कई बल्ब जलाने के बावजूद बिजली बिल डेढ़ सौ से दो सौ रुपये तक आता था आज सामान्य घरों में भी औसतन एक  से डेढ़ हजार रुपये के बीच बिजली का बिल आता है फिर भी व्यवस्था बदहाल है.

 






- आँधी-पानी के बाद गायब हो गयी थी विद्युत आपूर्ति
- पूरी रात ढूंढते रहे मैकेनिक, सुबह मिला फॉल्ट


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर :  सदर प्रखंड के पांडेय पट्टी, चक्रहँसी समेत कई इलाकों में रविवार को पूरी रात बिजली नहीं रही. रविवार की शाम तकरीबन 6:00 बजे आई आंधी और पानी ने व्यवस्थाओं को अस्त-व्यस्त कर दिया जिसके बाद बिजली चली गई और मैकेनिक पूरी रात फाल्ट ढूंढते रहे. अथक प्रयास के बावजूद फाल्ट नहीं मिला, नतीजा यह रहा कि पूरा पांडेय पट्टी पॉवर सब स्टेशन से पॉवर सप्लाई पाने वाले कई इलाके अंधेरे में डूबे रहे. सामाजिक कार्यकर्ता अरुण कुमार बताते हैं कि पूरी रात चक्रहँसी, जरीगांवा, मिल्कियां, हरपुर, दुबौली समेत कई इलाके अंधेरे में रहे.




साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पूरी रात इलाके में सघन जांच की जाती रही लेकिन, तकनीकी खराबी को ढूंढा नहीं जा सका. पुनः सुबह से फाल्ट की तलाश की जाने लगी तो यह पाया गया कि चक्रहंसी गांव के समीप चार विद्युत खंभों के तार टूट गए हैं जिसके कारण विद्युत संचरण बाधित हो रहा है. ऐसे में सुबह 8:00 बजे से मरम्मत का कार्य शुरू हुआ है और उम्मीद है कि दिन में 10:00 बजे तक कार्य पूरा कर लिया जाएगा, जिसके बाद लोगों को विद्युत आपूर्ति मिल सकेगी.

अचानक से बदले मौसम के मिजाज की वजह से पांडेय पट्टी के अतिरिक्त अन्य इलाकों में भी बिजली की आंख-मिचौली जारी रही. शिवपुरी के उपभोक्ता के०के० ओझा बताते हैं कि उनके इलाके में भी तकरीबन 2 घंटे तक बिजली गायब थी. खास बात यह है कि बिजली चली जाने के बाद विद्युत कंपनी के द्वारा ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई है जहां से यह पता चल सके कि किस तरह की तकनीकी खराबी है और उसे कब तक दुरुस्त कर लिया जाएगा? 

उन्होंने बताया कि पूर्व के समय में जब बिजली की व्यवस्था निजी विद्युत कंपनी के हाथ में नहीं थी उस वक्त भी आसानी से यह ज्ञात हो जाता था कि बिजली व्यवस्था क्यों गड़बड़ है लेकिन, अब ऐसा संभव नहीं हो पाता. जबकि बिजली बिल की बात करें तो एक सामान्य घर में 100 वॉट के कई बल्ब जलाने के बावजूद बिजली बिल डेढ़ सौ से दो सौ रुपये तक आता था आज सामान्य घरों में भी औसतन एक  से डेढ़ हजार रुपये के बीच बिजली का बिल आता है फिर भी व्यवस्था बदहाल है.







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