जहां हो भक्ति का हो वास वहीं प्रभु का निवास ..

चारों वर्ण इस कथा का श्रवण कर भगवान से संबंध स्थापित कर सकते हैं. श्रीमद्भावत कथा के द्वारा भक्ति महारानी का भक्तों के हृदय में अनायास ही प्रवेश हो जाता है और जहां भगवान की प्राणवलभा हो, प्रियतमा हो वहाँ वह दौड़े चले आते हैं चाहे वह घर कितना भी पतित का क्यों न हो. 





- शिक्षक कॉलोनी में आयोजित हुई श्रीमद् भागवत कथा
- कथावाचक ने बताई भक्ति की महिमा कहा, जहाँ भक्ति वहां जरूर आते हैं प्रभु

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : नगर के शिक्षक कॉलोनी में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है. कथा का शुभारंभ श्री सीताराम विवाह समिति के महंत राजाराम शरण दास जी के द्वारा व्यासपीठ पूजन एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया. मौके पर राजपुर विधायक विश्वनाथ राम भी उपस्थित रहे. कथा व्यास मामा जी के कृपा पात्र आचार्य रणधीर ओझा ने बताया कि श्रीमद्भागवत कथा भक्ति प्रधान ग्रंथ है. यह ग्रंथ चारों वर्णों के लिए उपयोगी है.


चारों वर्ण इस कथा का श्रवण कर भगवान से संबंध स्थापित कर सकते हैं. श्रीमद्भावत कथा के द्वारा भक्ति महारानी का भक्तों के हृदय में अनायास ही प्रवेश हो जाता है और जहां भगवान की प्राणवलभा हो, प्रियतमा हो वहाँ वह दौड़े चले आते हैं चाहे वह घर कितना भी पतित का क्यों न हो. 

आचार्य श्री ने बताया कि जहाँ जहां भक्ति महारानी रहती है वहाँ भगवान रहते है। चाहे वह व्याध का घर, बहेलियों का घर हो, रैदास का घर हो या मीरा का घर हो. गजेंद्र का हृदय हो, बानर, भालू का हृदय या भक्तों का हृदय हो. भक्ति जहां हो वहां भगवान बिन आए नही रह सकते.





प्रियतम प्रभु अपनी प्राणवलाभा के पीछे लगे रहते है. त्रिभुवन में वही धन्य है जिसके हृदय में भक्ति महारानी विराजमान है, जिसके भवन में भक्ति महारानी विराजमान हो उसे भगवान के पीछे नही भागना पड़ता बल्कि भगवान ही उसके पीछे चले जाते है क्योंकि भगवान जिस भवन में भक्ति को देखते है फिर अपना बैकुंठ त्याग करके उस भक्त के हृदय में प्रवेश कर जाते हैं और अगर एक बार ठाकुर जी भक्तों के हृदय में प्रवेश कर गए तो फिर भक्त का जीवन धन्य हो जाता है.

आचार्य श्री ने बताया कि भगवान को बांधने वाली भगवान की प्रिया भक्ति महारानी है. वह प्रभु को  ऐसे प्रेम में बांधती है कि यदि वह जाना भी चाहे तो नही जा सकते. ठाकुर जी का भक्त हृदय रूपी मकान को छोड़ने का मन नहीं करता. कथा में समिति के सदस्य डब्लू पाठक, अग्नि पांडेय, मुन्ना ओझा, सुनील राय तथा क्षेत्र के लोगों की सहभागिता रही.







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