मधुमक्खी पालन के द्वारा युवाओं को दिखाई जा रही स्वरोजगार की राह ..

बताया कि मधुमक्खी पालन में विशेष तौर पर पराग रस वाले पेड़-पौधे एवं फसल  यथा सहजन, सरसों, करंज, तुलसी, तीसी, धनिया, शीशम इत्यादि के फूल से मधुमक्खियॉं मधु इकट्ठा करती हैं  इन मधु को प्रोसेसिंग यंत्र द्वारा प्रोसेस कर डिब्बाबंद कर बाजारों में बिक्री करने से अच्छी आमदनी होती है.





- तीन दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण कार्यक्रम हुआ शुरु
- ग्रामीण युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए आत्मा ने शुरु की पहल

बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर: सुदूर ग्रामीण इलाकों में भी युवाओं को आसानी से रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंध अभिकरण (आत्मा) की ओर से संयुक्त कृषि भवन सभागार में सोमवार को से तीन दिवसीय मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया गया. मौके पर मौजूद प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए जिला कृषि पदाधिकारी-सह-परियोजना निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि बेरोजगार युवा मधुमक्खीपालन को बेहतर रोजगार का जरिया बनाकर सशक्त जीविकोपार्जन का आधार बना सकते हैं. समूह में मधुमक्खी पालन करने पर आकर्षक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है. समूह के माध्यम से मधु की ब्रॉंडिंग कर अच्छे मूल्य पर इसकी बिक्री की जा सकती है. मधु की प्रोसेसिंग करने हेतु जिले के राजपुर प्रखंड स्थित रसेन ग्राम में शहद प्रसंस्करण इकाई भी लगाया गया है.


उद्यान विभाग की सहायक निदेशक सुपर्णा सिन्हा ने बताया कि मधुमक्खी पालन से खेती में परागण द्वारा पैदवार में आशातीत बढ़ोतरी हासिल की जा सकती है. कृषि विज्ञान केन्द्र के विशेषज्ञ आरिफ परवेज ने बताया कि मधुमक्खी पालन में विशेष तौर पर पराग रस वाले पेड़-पौधे एवं फसल  यथा सहजन, सरसों, करंज, तुलसी, तीसी, धनिया, शीशम इत्यादि के फूल से मधुमक्खियॉं मधु इकट्ठा करती हैं  इन मधु को प्रोसेसिंग यंत्र द्वारा प्रोसेस कर डिब्बाबंद कर बाजारों में बिक्री करने से अच्छी आमदनी होती है. उन्होने बताया कि एक मधुमक्खी परिवार में एक रानी मधुमक्खी तथा हजारों की संख्या में श्रमिक मधुमक्खी व लगभग 100-200 नर होते हैं. रानी मधुमक्खी का जीवनकाल दो से तीन वर्ष होता है.अनुकूल वातावरण में रानी मधुमक्खी एक दिन में अधिकतम लगभग 1800 अंडे देती है. मधुमक्खी पालन से मोम भी पैदा किया जाता है. बाजारों मे इसकी अच्छी मांग है. शहद के औषधीय गुण पर चर्चा करते हुए प्रभारी उप परियोजना निदेशक विकास कुमार राय ने बताया कि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट गुण होने के कारण इसके सेवन से मनुष्य के शरीर में एंटी ऑसीडेेंट तत्व में वृद्धि, पाचन क्रिया को दुरुस्त करना, नर्वस सिस्टम की कमजोरी को दूर करना, रक्तचाप का नियंत्रण इत्यादि है.








Post a Comment

0 Comments