प्रबंधन के अनुशासन के विरोध में हैं नवोदय के विद्यार्थी ?

विद्यालय की छात्राएं प्रधानाचार्य के आवास के सामने बैठकर प्रदर्शन करती रही. वह "जस्टिस फॉर मी .." का नारा लगाते देखी गई. विद्यार्थियों का कहना था कि जब तक डीसी स्वयं आकर उनसे बात नहीं करेंगे तब तक वह हड़ताल खत्म नहीं करेंगे.
बच्चों से बातचीत करते डुमराँव एसडीएम



- दूसरे दिन भी जारी रहा विरोध, समझाने बुझाने के प्रयास प्रशासन रहा विफल
- छोटी-छोटी मांगों को बड़ा मुद्दा बना रहे हैं विद्यार्थी

बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : नवोदय विद्यालय में बच्चों का विरोध दूसरे दिन भी जारी रहा. बच्चों का कहना है कि मेडिकल सुविधा को और बेहतर किए जाने की जरूरत है. उनका यह भी कहना है कि विद्यालय प्रबंधन के द्वारा छात्र-छात्राओं को एक साथ खेलने के लिए अनुमति नहीं है.  इसके अतिरिक्त छात्रों की कोई विशेष मांग नहीं है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि विद्यालय में अनुशासन लाने के प्रबंधन के प्रयास के कारण बच्चों के द्वारा विरोध के स्वर उठा रहे हैं. हर दिन बच्चे नाश्ता-भोजन करने के बाद विरोध करना शुरू कर दे रहे हैं तथा विरोध की समाप्ति पर पुनः भोजनादि कर अगले दिन की रणनीति बना रहे है. निश्चित रूप से इस स्थिति से विद्यालय प्रबंधन के साथ ही प्रशासन भी परेशान है.



नवोदय विद्यालय में पहुँचे एसडीएम कुमार पंकज तथा औरंगाबाद नवोदय के प्राचार्य आरके सिंह के साथ-साथ अंचलाधिकारी अजीत कुमार, वासुदेवा ओपी प्रभारी विष्णु देव कुमार और प्रधानाध्यापक सुरेंद्र नाथ पाठक के द्वारा लगातार बच्चों को समझाने का कार्य किया जाता रहा लेकिन, बच्चे  एकेडमिक भवन में बैठकर प्रदर्शन करते रहे. विद्यालय की छात्राएं प्रधानाचार्य के आवास के सामने बैठकर प्रदर्शन करती रही. वह "जस्टिस फॉर मी .." का नारा लगाते देखी गई. विद्यार्थियों का कहना था कि जब तक डीसी स्वयं आकर उनसे बात नहीं करेंगे तब तक वह हड़ताल खत्म नहीं करेंगे.

पहले छोटी थी बाउंड्री अब बाहर निकलना मुश्किल :

स्थानीय लोगों का कहना है कि नवोदय विद्यालय में बच्चों को अनुशासित बनाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. पहले विद्यालय की चारदीवारी छोटी थी जिसके कारण बच्चे उसे फांद कर नावानगर बाजार में घूमते देखे जाते थे. पिछले दिनों बच्चे के गायब होने और उसकी पुनः बरामदगी के बाद विद्यालय प्रबंधन के द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से बाउंड्री को ऊँचा कर दिया गया है. ऐसे में बच्चे शरारत नहीं कर पा रहे तो प्रबंधन के विरोध में आवाज उठा रहे हैं.





Post a Comment

0 Comments