विधायक की पहल पर अतिक्रमणकारियों को मिली मोहलत ..

इसके साथ ही वहां रह रहे भूमिहीन लोगों की सूची भी मांगी गई है ताकि, उन्हें सरकारी नियमानुसार भूमि का आवंटन कराया जा सके. सूची के आलोक में जांच कराने के पश्चात उन्हें भूमि आवंटन के साथ-साथ गृह निर्माण के लिए भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.



-  सामान हटाने तक प्लास्टिक तान कर रहने की मौखिक अनुमति
- भूमिहीनों की भी बनाई जा रही सूची, मिलेगा सरकारी लाभ


बक्सर टॉप न्यूज, बक्सर : न्यायालय के आदेश के आलोक में सिंडिकेट नहर के समीप से हटाए गए अतिक्रमणकारियों को सदर विधायक संजय कुमार तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी की पहल से सामान हटाने के लिए एक सप्ताह की मोहलत मिल गई है. इतना ही नहीं जो भूमिहीन है उनको सरकारी योजना के तहत भूमि आवंटन कराने के प्रयास भी शुरू कर दिए गए हैं.



विधायक ने बताया कि नहर किनारे रह रहे गरीब लोगों की व्यथा देखने के बाद उन्होंने जिला पदाधिकारी व अनुमंडल पदाधिकारी से बातचीत की तथा कहा कि गरीबों को सामान हटाने के लिए कुछ मोहलत दी जाए. साथ ही उनके रहने के लिए भी कोई व्यवस्था की जाए. उनके अनुरोध पर पदाधिकारियों ने यह आश्वस्त किया कि सामान हटाने तक वह प्लास्टिक आदि लगाकर वहां रह सकते हैं. 


इस बाबत अनुमंडल पदाधिकारी धीरेंद्र मिश्रा का कहना है कि सदर विधायक के अनुरोध पर सामान हटाने तक प्लास्टिक लगाने का निर्देश दिया गया है लेकिन, उनसे यह स्पष्ट कहा गया है कि वह एक से दो दिन के अंदर अपना सामान हटा लें. इसके साथ ही वहां रह रहे भूमिहीन लोगों की सूची भी मांगी गई है ताकि, उन्हें सरकारी नियमानुसार भूमि का आवंटन कराया जा सके. सूची के आलोक में जांच कराने के पश्चात उन्हें भूमि आवंटन के साथ-साथ गृह निर्माण के लिए भी सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा.

बता दें कि बुधवार को सिंडिकेट के समीप से वर्षों से काबिज अतिक्रमणकारियों को हटाने का अभियान चला था. यह अभियान न्यायालय के निर्देशानुसार चलाया गया था. दरअसल  स्थानीय निवासी व्यक्ति ने उच्च न्यायालय पटना में एक रिट याचिका दाखिल कर अतिक्रमण हटाने का अनुरोध किया था जिसपर उच्च न्यायालय ने पहले संबंधित सक्षम अधिकारी यानि अंचलाधिकारी बक्सर के समक्ष आवेदन देने को कहा था. याचिका कर्ता ने अंचलाधिकारी के यहाँ आवेदन करने पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर पुनः न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. जिसके आलोक में न्यायालय ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण हटाने का निर्देश दिया. अतिक्रमण हटाने के दौरान पब्लिक और प्रशासन में भिड़ंत भी हुई थी जिसमें नगर थानाध्यक्ष गंभीर रूप से घायल हो गए वहीं, नगर परिषद के कर्मी समेत तीन चार लोग मामूली रूप से घायल हुए थे.




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