अपने संबोधन में कहा कि गीता दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है. कार्यक्रम की अध्यक्षता विहिप के जिलाध्यक्ष सिद्घनाथ मिश्र एवँ संचालन कन्हैया पाठक ने की. कार्यक्रम के पश्चात मंच से शौर्य संचलन शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गो का भ्रमण करते हुए रामलीला मंच पर जाकर संपन्न हो गई.
- गीता के महत्व पर वक्ताओं ने की चर्चा
- पूरे नगर में किया विहिप कार्यकर्ताओं ने भ्रमण
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : गीता जयंती के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद की जिला इकाई के द्वारा रामलीला मंच पर गीता जयंती समारोह सह शौर्य संचलन का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय रामलीला मंच पर किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ आश्रम के महंत राजाराम शरण दास एवं गंगा पुत्र त्रिदंडी स्वामी के द्वारा भारत माता एवं प्रभु श्री राम का पूजन अर्चन कर तथा दीप प्रज्वलित कर किया गया.
समारोह को संबोधित करते हुए गंगापुत्र त्रिदंडी स्वामी ने कहा कि भगवत गीता भगवान की वाणी है. भगवान के द्वारा धर्म के अनुसार दिए गए उपदेशों का संग्रह है भगवत गीता. उन्होंने कहा कि गीता का ज्ञान मनुष्य को पूर्णता प्रदान करता है. महंत राजा राम शरण दास ने कहा कि बक्सर एक सर्वश्रेष्ठ तीर्थ है और यहां प्रत्येक माह इस प्रकार के धार्मिक आयोजन होने चाहिए. विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सत्संग प्रमुख रामायण शास्त्री ने कहा कि विश्व हिंदू परिषद धर्म एवं संस्कृति की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहता है. पं. छविनाथ त्रिपाठी ने अपने संबोधन में कहा कि गीता दुनिया का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है. कार्यक्रम की अध्यक्षता विहिप के जिलाध्यक्ष सिद्घनाथ मिश्र एवँ संचालन कन्हैया पाठक ने की. कार्यक्रम के पश्चात मंच से शौर्य संचलन शोभायात्रा निकाली गई. शोभायात्रा नगर के मुख्य मार्गो का भ्रमण करते हुए रामलीला मंच पर जाकर संपन्न हो गई.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से ओमप्रकाश वर्मा, सिद्धनाथ मिश्र, कन्हैया पाठक, अंशुमान, चंदन प्रकाश राय, राजेश प्रताप सिंह, माधुरी कुंवर, चंद्रभूषण ओझा, प्रदीप दूबे, राजेश सिन्हा, विनोद उपाध्याय, ओम प्रकाश गुप्ता, अवधेश पांडेय, संजय राय,
जयशंकर राय, विजय पाठक, विजय प्रताप सिंह, विकास पाठक, मुन्ना यादव, विजय विजय शंकर सिंह, दयाशंकर तिवारी, गोपाल जी पाठक,रास बिहारी सिंह, प्रो.अर्चना सिंह, चंदा पांडेय, पूनम चौबे, पिंकी पाठक, समता कुमार, विकास कुमार, अविनाश कुमार, विवेक सिंह सहित कई लोग उपस्थित थे.
0 Comments