लेकिन लोग अपनी आदतों में सुधार नहीं ला रहे हैं, जिसके चलते संक्रमण की भयावहता और भी बढ़ने की उम्मीद है. नगर की सड़कों पर ऐसे कई लोग देखे गए जो कि बिना मास्क लगाए ही आराम से सड़कों पर विचरण कर रहे थे. ऐसे लोगों में न तो संक्रमण का डर दिखा और ना ही समाज के प्रति अपनी कोई जवाबदेही.
- अब तक 1,36,314 लोगों की हुई है कोविड जांच, दो लोग हुए संक्रमण मुक्त
- सार्वजनिक जगहों पर अब भी लापरवाह दिख रहे लोग
बक्सर टॉप न्यूज़, बक्सर : कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. शनिवार को एक बार फिर जिले में संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं. इनमें जिला मुख्यालय में सोलह, चौसा में पांच, नावानगर में एक, राजपुर में एक, तथा जिले के निवासी एक व्यक्ति के पटना में संक्रमित पाए जाने की बात सामने आई है. शनिवार को मिले संक्रमण के मामलों को मिलाकर जिले में कुल संक्रमित व्यक्तियों की संख्या और 68 हो गई है, जिनमें से दो लोगों के संक्रमण मुक्त हो जाने के बाद सक्रीय मामले 66 रह गए हैं. सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी विनोद कुमार ने बताया कि 1 जनवरी से लेकर अब तक कुल 1 लाख 36 हज़ार 314 लोगों की जांच की गई है तथा प्रतिदिन साढ़े चार हज़ार लोगों के जांच का लक्ष्य रखा गया है.
लोगों की लापरवाही बड़े खतरे का संकेत :
संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद एक तरफ जहां लोगों से लगातार सतर्कता बरतने की अपील की जा रही है वहीं नाइट कर्फ़्यू भी लगाया गया है, जिसके तहत रात्रि 8:00 बजे से लेकर सुबह 6:00 बजे तक लोगों का सड़कों पर निकलना तक प्रतिबंधित कर दिया गया है. प्रशासन भले ही लोगों से सतर्कता बरतने की अपील करें लेकिन लोग अपनी आदतों में सुधार नहीं ला रहे हैं, जिसके चलते संक्रमण की भयावहता और भी बढ़ने की उम्मीद है. नगर की सड़कों पर ऐसे कई लोग देखे गए जो कि बिना मास्क लगाए ही आराम से सड़कों पर विचरण कर रहे थे. ऐसे लोगों में न तो संक्रमण का डर दिखा और ना ही समाज के प्रति अपनी कोई जवाबदेही.
प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ दिलशाद आलम की माने तो कोरोना संक्रमण का नया वेरिएंट ओमिक्रोन बेहद तेजी से फैल रहा है..ऐसे में इसमें और भी ज्यादा सतर्कता बरतने की आवश्यकता है लेकिन, लोग यदि लापरवाही बरत रहे हैं तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है.
रेलवे बुकिंग काउंटर से लेकर अस्पताल तक एक जैसी स्थिति :
सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की भीड़ पहले की तरह ही बेपरवाह और लापरवाह दिखाई दे रही है. रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर अथवा जिले के तमाम अस्पताल सब जगह लोग वैसे ही बेखौफ होकर भाड़ की स्थिति पैदा कर रहे हैं. शारीरिक दूरी का अनुपालन कहीं भी ढंग से नहीं हो पा रहा. ऐसे में संक्रमण के प्रभाव को बढ़ने से रोक पाना मुश्किल प्रतीत हो रहा है.

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